योग ने भारत के साथ विश्व को एक किया : श्रीपाद नाइक
पीएसआइटी में योग और संस्कृति पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन में बोले श्रीपाद नाइक, नीदरलैंड, भूटान, नेपाल, बंग्लादेश, यूक्रेन आदि देशों के विशेषज्ञ हुए शामिल
By Edited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 01:59 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 10:43 AM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। पर्यावरण संरक्षण, संसाधनों का सम्मान और अनुशासन से संस्कृति का विकास संभव है। इसके लिए छात्र-छात्राओं को प्यार से समझाना होगा। उनमें देशहित की भावना को बढ़ाने की जरूरत है। वे क्या कर रहे हैं और क्या नहीं, उनके इस कदम से देश का क्या लाभ होगा, इसकी जानकारी देनी चाहिए। ये बातें सोमवार को पीएसआइटी में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के समापन समारोह में आयुष मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपाद नाइक ने बतौर मुख्य अतिथि कहीं।
उन्होंने कहा कि योग और अध्यात्म सफलता का मंत्र है। इससे न सिर्फ निरोगी रहा जा सकता है बल्कि आत्ममंथन और एकाग्रता कई गुणा अधिक बढ़ जाती हैं। छात्र जितना अधिक संस्कारी होगा, विदेश में उसके देश का उतना ही नाम होगा। उन्होंने बताया कि योग ने भारत के साथ विश्व को एक कर दिया है। 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में सभी देशों ने सहमति दे दी है। नेशनल योग बोर्ड से इसका और भी अधिक प्रचार प्रसार होगा।
विशिष्ठ अतिथि सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि योग का उदाहरण ऋगवेद में भी मिलता है। मोहन जोदड़ो की खोदाई में इसके प्रमाण मिले हैं। योग शरीर, बुद्धि, आत्मा का मिलन है। सेमिनार में संस्थान के चेयरमैन प्रणवीर सिंह, प्रबंध निदेशक शेफाली राज, कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिवानी कपूर, डॉ. एपीएस भदौरिया, प्रो. एमए नकवी आदि उपस्थित रहे।
कई तरह के शोध पत्र प्रस्तुत
भूटान, नेपाल, बंग्लादेश, यूक्रेन, नीदरलैंड समेत कई देशों से आए प्रतिनिधि और शिक्षाविदों ने 'सिग्नीफिकेंस ऑफ योग एंड साउथ एशियन कल्चर इन मार्डन मैनेजमेंट प्रैक्टिसेस' विषय पर व्याख्यान दिए। कई तरह के शोध पत्र प्रस्तुत हुए। विशेषज्ञों ने संस्कृति और योग की आवश्यकता पर विचार विर्मश किया।
उन्होंने कहा कि योग और अध्यात्म सफलता का मंत्र है। इससे न सिर्फ निरोगी रहा जा सकता है बल्कि आत्ममंथन और एकाग्रता कई गुणा अधिक बढ़ जाती हैं। छात्र जितना अधिक संस्कारी होगा, विदेश में उसके देश का उतना ही नाम होगा। उन्होंने बताया कि योग ने भारत के साथ विश्व को एक कर दिया है। 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में सभी देशों ने सहमति दे दी है। नेशनल योग बोर्ड से इसका और भी अधिक प्रचार प्रसार होगा।
विशिष्ठ अतिथि सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि योग का उदाहरण ऋगवेद में भी मिलता है। मोहन जोदड़ो की खोदाई में इसके प्रमाण मिले हैं। योग शरीर, बुद्धि, आत्मा का मिलन है। सेमिनार में संस्थान के चेयरमैन प्रणवीर सिंह, प्रबंध निदेशक शेफाली राज, कार्यक्रम संयोजक डॉ. शिवानी कपूर, डॉ. एपीएस भदौरिया, प्रो. एमए नकवी आदि उपस्थित रहे।
कई तरह के शोध पत्र प्रस्तुत
भूटान, नेपाल, बंग्लादेश, यूक्रेन, नीदरलैंड समेत कई देशों से आए प्रतिनिधि और शिक्षाविदों ने 'सिग्नीफिकेंस ऑफ योग एंड साउथ एशियन कल्चर इन मार्डन मैनेजमेंट प्रैक्टिसेस' विषय पर व्याख्यान दिए। कई तरह के शोध पत्र प्रस्तुत हुए। विशेषज्ञों ने संस्कृति और योग की आवश्यकता पर विचार विर्मश किया।
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