कोरोना संकट के समय कानपुर में जरूरतमंदों की मदद कर रही शिवेंद्र और विट्ठल की टीम, जानिए - कैसे
टीम के लोगों ने 18 से 20 घंटे काम करके लोगों की जरूरत जैसे- आक्सीजन सिलिंडर रीफिलिंग बेड आइसीयू आक्सीमीटर की उपलब्धता को निश्चित करवाया। इसके साथ ही दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए आनलाइन माध्यम से लोगों को दवा उनके घर तक पहुंचाने का काम किया।
कानपुर, जेएनएन। संक्रमण काल में जरूरतमंदों की मदद कर शहर के दो युवा सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया की पंक्तियों को सार्थक कर रहे हैं।शहरवासियों को वैक्सीनेशन कराने में मदद के साथ आक्सीजन सिलिंडर, रीफिलिंग, बेड, आइसीयू, आक्सीमीटर की उपलब्धता दिलाई। जिसके चलते दो युवाओं से शुरू हुआ मदद का सिलसिला आज 40 लोगों की टीम के रूप में बदल चुका है।
उन्नाव जिले के शुक्लागंज के रहने वाले शिवेंद्र सिंह और विट्ठल गोस्वामी ने इस बढ़ती कोरोना महामारी के दौरान सर्वे संतु निरामया की एक टीम बनाई और जुट गए लोगों की मदद के लिए। टीम के संस्थापक शिवेंद्र ने बताया कि फेसबुक लाइव के जरिए तमाम डॉक्टरों को अपने साथ जोड़कर आइसोलेट परिवारों की मदद की और वैक्सीनेशन की संख्या को बढ़ाने के लिए ग्रामीण परिवेश में जाकर रजिस्ट्रेशन कराने में लोगों की मदद की।
वहीं, विट्ठल ने बताया कि वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करना बड़ा सवाल था। टीम ने पहले लोगों को जागरूक किया गया साथ ही जो लोग इंटरनेट या मोबाइल चलाने में सक्षम नहीं थे उनका रजिस्ट्रेशन के साथ ही वैक्सीनेशन करवाया। टीम के प्रयास के चलते लगभग एक हजार से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन पूरा किया जा चुका है। महामारी के वक्त जब लोगों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। उस समय इस टीम के लोगों ने 18 से 20 घंटे काम करके लोगों की जरूरत जैसे- आक्सीजन सिलिंडर, रीफिलिंग, बेड, आइसीयू, आक्सीमीटर की उपलब्धता को निश्चित करवाया। इसके साथ ही दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए आनलाइन माध्यम से लोगों को दवा उनके घर तक पहुंचाने का काम किया।