कानपुर में किन्नरों ने ली ये बड़ी शपथ, संक्रांति पर इस महादान से समाज को दिखाया आइना
मोतीझील में आयोजित एक कार्यक्रम में किन्नर समाज ने देहदान का संकल्प लिया है।
कानपुर, जेएनएन। प्रयागराज में कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़े के पहुंचने पर संत समाज ने भी स्वागत किया, वहीं कानपुर में भी सोमवार को किन्नर समाज ने बड़ी शपथ लेकर लोगों को आइना दिखाया है। मकर संक्रांति पर्व जब लोग दान देकर पुण्य प्राप्त कर रहे हैं, उसी समय शहर के किन्नर समाज ने महादान करके पूरे प्रदेश में अपनी अलग पहचान उजागर की है। युग दधीचि देहदान संस्थान की ओर से मोतीझील में कार्यक्रम में किन्नर समाज ने देहदान का संकल्प लिया है।
देहदान क्यों जरूरी
देश और हमारे आसपास बहुत से ऐसे दिव्यांग हैं, जो किसी अंग की खराबी की वजह से उपेक्षित जीवन जीने को मजबूर हैं। युग दधीचि देहदान संस्थान ने शहर में देहदान की मुहिम छेड़ रखी है। इसमें व्यक्ति अपनी इच्छा से देहदान करता है। उसकी मृत्यु होने पर पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज के सुपुर्द कर दिया जाता है। इसके बाद शरीर के ऐसे अंग, जो काम आ सकते हैं उन्हें निकालकर दिव्यांग के प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इस मुहिम से कई नेत्रहीनों को आंख मिलने से जीवन में रोशनी आ चुकी है, वहीं अन्य अंगों के मिलने से मरीज को नई जिंदगी मिली है। आज के युग में इस समाज सेवा का महत्व समझते हुए किन्नर समाज आगे आया है।
किन्नरों ने ली देहदान की शपथ
कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व महापौर कैप्टन जगतवीर सिंह द्रोण ने मंत्रोच्चार के बीच दीप जलाकर किया। उन्होंने किन्नर समाज के संकल्प की सराहना की। अखिल भारतीय किन्नर महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष काजल किरण ने मधु, इंदु, रीना, लता, सोनी, नगमा आदि के साथ देहदान की शपथ ली। उन्होंने कहा कि उनके अंगों से किसी की जान बच सके, इससे बड़ा पुण्य का कार्य और क्या हो सकता है। अभियान प्रमुख मनोज सेंगर ने कहा कि किन्नर समाज की सहभागिता से मानवता को बल मिलेगा। मकर संक्रांति पर्व पर ये महादान से कम नहीं है। चिकित्सा क्षेत्र और अधिक विकसित होगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आरती लाल चंदानी, पूर्व डीजीएमई डॉ. वीएन त्रिपाठी ने सभी संकल्पकर्ताओं को प्रशस्ति पत्र दिये।