Ragging : सैफई Medical University में सात छात्र तीन माह के लिए निलंबित, डीन कार्यमुक्त Etawah News
विवि के शाक्य मुनि छात्रावास के दो वार्डन निलंबित और तीन सुरक्षाकर्मी बर्खास्त एंटी रैगिंग कमेटी भंग कर दी गई है।
By AbhishekEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 11:38 AM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 11:38 AM (IST)
इटावा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई प्रशासन ने पहले इन्कार फिर गुरुवार शाम रैगिंग की सच्चाई कबूलने के बाद शुक्रवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की। रैगिंग के दोषी 2018 बैच के सातों छात्रों को तीन महीने के लिए निलंबित कर इन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। स्टूडेंट वेलफेयर डीन कल्बे जव्वाद को कार्यमुक्त कर एंटी रैगिंग कमेटी व एंटी रैगिंग स्क्वाड भंग कर दी गई। कार्रवाई की जद में शाक्य मुनि छात्रावास के दो वार्डन भी आए। इन्हें निलंबित और तीन सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। दोषी छात्रों पर सैफई थाने में मुकदमा दर्ज कराए जाने का फैसला लिया गया।
शुक्रवार को विश्वविद्यालय के डीन डॉ. पीके जैन ने पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ रैगिंग प्रकरण सामने आने के बाद विभिन्न स्तर पर जांच हुई। इसमें 2018 बैच के छात्र अभिषेक राणा, अभिषेक सिंह, रीतेश सिंह, रूसल नागर, वैभव सिंह, रंजीत कुमार व प्रतीक सिंह दोषी पाए गए। इन्हें तीन माह के लिए विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही 25-25 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।
अपना काम ठीक से न करने के लिए विश्वविद्यालय के शाक्य मुनि छात्रावास में तैनात वार्डन डॉ. गणेश कुमार वर्मा व ज्ञासुद्दीन हैदर को भी निलंबित कर दिया गया। यहां के तीन सुरक्षाकर्मी भी बर्खास्त किए गए। पहले कुलपति राजकुमार ने छात्रों के सिर मुंडवाने को संस्कार करार दिया था। हालांकि जिलाधिकारी जेबी सिंह की जांच रिपोर्ट में रैगिंग की पुष्टि के बाद शासन से कड़ी कार्रवाई के निर्देश मिले थे।
यह भी पढ़ें : सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग, मुंडवाए गए सिर के बाल
शुक्रवार को विश्वविद्यालय के डीन डॉ. पीके जैन ने पत्रकार वार्ता में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ रैगिंग प्रकरण सामने आने के बाद विभिन्न स्तर पर जांच हुई। इसमें 2018 बैच के छात्र अभिषेक राणा, अभिषेक सिंह, रीतेश सिंह, रूसल नागर, वैभव सिंह, रंजीत कुमार व प्रतीक सिंह दोषी पाए गए। इन्हें तीन माह के लिए विश्वविद्यालय से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही 25-25 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है।
अपना काम ठीक से न करने के लिए विश्वविद्यालय के शाक्य मुनि छात्रावास में तैनात वार्डन डॉ. गणेश कुमार वर्मा व ज्ञासुद्दीन हैदर को भी निलंबित कर दिया गया। यहां के तीन सुरक्षाकर्मी भी बर्खास्त किए गए। पहले कुलपति राजकुमार ने छात्रों के सिर मुंडवाने को संस्कार करार दिया था। हालांकि जिलाधिकारी जेबी सिंह की जांच रिपोर्ट में रैगिंग की पुष्टि के बाद शासन से कड़ी कार्रवाई के निर्देश मिले थे।
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