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विदेश में चर्म उत्पाद भेजना चार गुना हुआ महंगा

पार्सल कंटेनर न मिलने व सीमित उड़ानों के कारण बढ़ा किराया

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 01:03 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 01:03 PM (IST)
विदेश में चर्म उत्पाद भेजना चार गुना हुआ महंगा
विदेश में चर्म उत्पाद भेजना चार गुना हुआ महंगा

जागरण संवाददाता, कानपुर : अनलॉक में चर्म उत्पादों की मांग फिर से बढ़ने लगी है। शहर में बनने वाले उत्पादों को विदेश से खूब ऑर्डर मिल रहे हैं। चर्म उद्यमियों की दिक्कत ये है कि दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाले यहां के निर्मित जूते, बेल्ट, पर्स व जैकेट आदि विदेशी ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए हवाई किराया चार गुना अधिक देना पड़ रहा है।

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जल मार्ग के जरिए माल भेजने के लिए पार्सल कंटेनर नहीं मिल रहे हैं, जबकि माल ले जाने के लिए फ्लाइट भी सीमित संख्या में ही चलाई जा रही हैं। पहले जहां चर्म उत्पाद का आयात करने वाले देशों के लिए करीब 20 फ्लाइट चलती थीं, अब इनकी संख्या चौथाई तक पहुंच गई है। सबसे अधिक खर्च वियतनाम, ताइवान व हांगकांग देशों में माल भेजने का है। पहले इन देशों में 50 रुपये किलो के हिसाब से माल भेजा जाता था, जबकि अब ढाई सौ से तीन सौ रुपये किलो तक किराया मांगा जा रहा है। यहां से छोटे लेकिन कीमती ऑर्डर मिलते हैं, जिन्हें जल्द भेजने के लिए हवाई मार्ग सबसे सुलभ होता है। ऐसा ही हाल यूएसए, फ्रांस व इटली समेत अन्य देशों में माल भेजने का है।

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निर्यातकों को माल भेजना बहुत महंगा पड़ रहा है। किराया अधिक होने से लागत निकालना भी मुश्किल है। कोरोना में हुए नुकसान से निर्यातक उबर नहीं पाए कि बढ़ा किराया उन्हें फिर चोट दे रहा है।

जावेद इकबाल, रीजनल चेयरमैन चर्म निर्यात परिषद

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चुनिदा फ्लाइट चल रही हैं, जिनसे माल भेजना बहुत महंगा हो गया है। अनलॉक में ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं, जबकि पुराने ऑर्डर भी पड़े हुए हैं। माल बनाने की लागत निकालना भी मुश्किल है।

शाहब खान, प्रबंध निदेशक ऑनवर्ड शिपिग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी

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माल बनाने का खर्च निकालना उद्यमियों के लिए मुश्किल हो रहा है। हवाई मार्ग से अक्सर छोटे उत्पाद भेजे जाते हैं। कोरोना काल में उड़ानें कम होने से उद्यमियों से अधिक दाम लिए जा रहे हैं।

जफर फिरोज, आयात निर्यात विशेषज्ञ

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खास बातें..

-शहर में साढ़े तीन हजार औद्योगिक इकाइयां चर्म उत्पादों का निर्यात करती हैं

-इनमें छोटी बड़ी सभी प्रकार की इकाइयां शामिल हैं

-इन इकाइयों से डेढ़ लाख से अधिक कामगार जुड़े हुए हैं

-यात्री हवाई जहाज से एक बार में सात से आठ हजार किलो माल विदेश भेजा जा सकता है

-माल वाहक हवाई जहाज से 25 से 30 हजार किलो माल भेजा जा सकता है

-चर्म निर्यातकों का माल जापान, हांगकांग व वियतनाम के अलावा यूएस, रूस, यूरोप, चीन, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर व खाड़ी देशों में जाता है


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