GST : रिटर्न में गलती ठीक कर सकेंगे विक्रेता, अभी तक नहीं थी इसकी सुविधा
कानपुर में पंजीकृत 70 हजार व्यापारियों को मिलेगा इसका लाभ रियल टाइम आधार पर टैक्स इनवाइस अपलोड करने की भी मिलेगी सुविधा।
कानपुर, जेएनएन। बस कुछ दिन और इसके बाद विक्रेताओं को जीएसटी के रिटर्न में गलतियां सुधारने का मौका मिल जाएगा। पिछले 32 माह से कारोबारी इसकी मांग कर रहे थे। नया रिटर्न लागू होते ही इसकी सुविधा मिलेगी। कानपुर में पंजीकृत 70 हजार व्यापारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
अभी रिटर्न और आइटीसी नहीं करते थे मैच
अब तक कारोबारी एक बार जो जीएसटीआर 1 रिटर्न फाइल कर देते थे, उन्हें रिटर्न में उसे ठीक करने का मौका नहीं मिलता था। अब नए रिटर्न में यह सुविधा लाई जा रही है। कोई बिल चढ़ाने से रह गया है या कोई गलती हो गई है तो कारोबारी उसके लिए एक संशोधित रिटर्न जारी कर सकेगा। यह एक ऐसी समस्या थी जिसकी वजह से रिटर्न और इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) आपस में मैच नहीं करते थे। इसके साथ ही अब विक्रेताओं को रियल टाइम आधार पर टैक्स इनवाइस अपलोड करने की सुविधा मिलने वाली है। इससे खरीदार भी माल खरीदने के तुरंत बाद ही खरीद को ऑनलाइन भी देख सकेंगे।
अब डेढ़ नहीं पांच करोड़ वाला छोटा कारोबारी
अभी तक डेढ़ करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी में छोटा कारोबारी माना जाता था। उन्हें समाधान योजना में जाकर तीन माह में रिटर्न फाइल करने की सुविधा दी गई थी। अब नई व्यवस्था में पांच करोड़ रुपये तक के कारोबारी छोटे माने जाएंगे। नए रिटर्न में यह सुविधा भी दी गई है कि अभी तक वित्तीय वर्ष के पहले माह यानी अप्रैल में कारोबारी एक विकल्प चुनते थे कि वे तीन माह में अपने रिटर्न फाइल करना चाहते हैं या एक माह में। इस विकल्प को वे फिर उस वर्ष में बदल नहीं सकते थे लेकिन, नए रिटर्न में इसमें एक बार संशोधन का भी अधिकार दे दिया गया है ताकि किसी कारोबारी ने यदि गलती से कोई दूसरा विकल्प चुन लिया है तो वह उसे ठीक कर सके।
रद के आवेदन के रिटर्न नहीं
व्यापारी अगर खुद को जीएसटी में नहीं रखना चाहता और बाहर होना चाहता है तो आवेदन देने के बाद भी तब तक रिटर्न फाइल करना होता है जब तक पंजीकरण रद न हो जाए। अब पंजीकरण रद करने के लिए आवेदन देने के बाद कारोबारी को रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी।
इनका ये है कहना
नए रिटर्न में कारोबारियों को बहुत अधिक सुविधाएं मिल रही हैं। कई ऐसे पहलू हैं जिनमें परिवर्तन किया जा रहा है। इसके जरिए रिटर्न फाइल करना भी बहुत आसान हो जाएगा।
- अशफाक अहमद, एडीशनल कमिश्नर ग्र्रेड वन जोन वन, राज्य कर विभाग।
क्या बोले व्यापारी
जीएसटी के रिटर्न की जटिलताओं से जो छोटे व्यापारी परेशान हो रहे थे। नए रिटर्न की सरलता की वजह से आसानी होगी और वे रिटर्न फाइल करने के लिए बढ़ेंगे।
- श्रीकृष्ण गुप्ता, कपड़ा कारोबारी।
जैसे-जैसे रिटर्न फाइल करना आसान होगा, कारोबारी रिटर्न के साथ जुड़ते जाएंगे। जैसे जैसे वे रिटर्न फाइल करेंगे, राजस्व में अपने आप वृद्धि होगी।
- संत मिश्रा, महामंत्री, कानपुर युवा उद्योग व्यापार मंडल।
रिटर्न में संशोधन की सुविधा कारोबारियों को मिलना बड़ी बात है। अभी तक रिटर्न में गलती होने के बाद उसे विक्रेता ठीक नहीं कर पाते थे। इससे मिस मैच कम होते जाएंगे।
- शिवकुमार शुक्ला गोपाल, कारोबारी।
बहुत से कारोबारी जीएसटी से बाहर जाना चाहते हैं। उन्होंने आवेदन भी किया हुआ है लेकिन, जब तक पंजीयन निरस्त न हो जाए, तब तक रिटर्न फाइल करने की मजबूरी उन्हें परेशान करती है। इससे राहत मिलेगी।
- नटवर मिश्रा, सराफा कारोबारी