कानपुर व गोरखपुर समेत सात शहरों में टेक्सटाइल पार्क के लिए निवेशकों का चयन करेगी कमेटी
अपर मुख्य सचिव रमारमण ने दो समितियों का गठन किया है जो कंपनियों की क्षमता और दस्तावेज आदि का अांकलन करेगी।
कानुपर, जेएनएन। कानपुर, गोरखपुर समेत सात शहरों में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना के लिए कंपनियों के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपर मुख्य सचिव रमारमण ने निवेश की इच्छुक कंपनियों के दस्तावेजों की स्क्रीनिंग और कंपनियों के चयन के लिए दो कमेटियों का गठन किया है। ये कमेटियां ही तय करेंगी कौन सी कंपनी को निवेश के लिए हरी झंडी देनी है।
राज्य सरकार सूबे को टेक्सटाइल मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनाना चाहती है। इसलिए पीपीपी मॉडल पर ऐसे पार्कों की स्थापना की जिम्मेदारी उप्र हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग को दी गई है। ये पार्क केंद्र सरकार की इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क योजना (आइटीपीएस) के तहत स्थापित होने हैं। इस योजना के साथ ही राज्य सरकार हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी 2017 के तहत भी वित्तीय मदद दी जानी है। एक सप्ताह के अंदर ही निवेशकों का नाम तय किया जाना है। इसलिए कमेटियां गठित की गई हैं।
ई दस्तावेजों और ई बिड की स्क्रीनिंग के लिए गठित की गई समिति में यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी , उद्योग बंधु के अधिशासी निदेशक और हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के आयुक्त एवं निदेशक को शामिल किया गया है। इसी तरह जब यह समिति दस्तावेज और कंपनियों की क्षमता आदि का आंकलन कर लेगी तो अनुमोदन समिति उसका परीक्षण कर उसे पार्क की स्थापना के लिए स्वीकृति देगी।
इस समिति में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग, औद्योगिक विकास विभाग, वित्त विभाग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव और यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व प्रमुख सचिव न्याय विभाग को शामिल किया गया है। जिस निवेशक को यह समिति पार्क की स्थापना के लिए स्वीकृति देगी वही इस योजना के तहत पात्र माना जाएगा और उसे विभिन्न तरह के अनुदान मिलेंगे।
एक नजर में जानें-टेक्सटाइल पार्क
- 07 शहरों कानपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी व लखनऊ में पार्क बनेंगे।
- 100 एकड़ तक के पार्कों के लिए विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।
- 02 समितियां निवेश के इच्छुक कंपनियों की स्क्रीनिकंग करेंगी।
- 40 करोड़ रुपये तक अनुदान केंद्र सरकार दे रही है।