Primary School Reopen in UP: माथे पर तिलक लगा और गुलाब भेंट कर बच्चों का स्वागत, स्कूलों में पहले दिन कम रही अटेंडेंस
Primary School Reopen in UP हालांकि कोरोना महामारी के बीच बुधवार से कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चे भी स्कूल पहुंच गए। शासन के अफसरों ने स्कूल खोलने से पहले कोरोना संबंधी नियमों के पालन का जो लंबा चिट्ठा जारी किया था
कानपुर, जेएनएन Primary School Reopen in UP : कोरोना संक्रमण के कारण अबतक बंद चल रहे प्राइमरी स्कूल पहली सितंबर से बच्चों के लिए खोल दिए गए। पहले दिन स्कूल पहुंचे बच्चे खुश नजर आए तो शिक्षकों ने भी उनके माथे पर तिलक लगाकर और गुलाब भेंट करके स्वागत किया। हालांकि पहले दिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम नजर आई, वहीं कोविड नियमों के पालन में भी लापरवाही रही। बच्चे मास्क लगाकर स्कूल पहुंचे लेकिन शारीरिक दूरी को लेकर लापरवाही बरती गई। ज्यादातर स्कूलों में बच्चे संख्या में बेहद कम नजर आए।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण का प्रकोप शुरू होते ही सरकार ने स्कूलों के बंदी के आदेश जारी कर दिए थे। बाद में लॉकडाउन खुलने पर धीरे धीरे शनिवार और रविवार की बंदी को भी खत्म कर दिया गया। वहीं कोविड नियमों का पालन कराने के साथ छठवीं से 12वीं तक की कक्षाओं को खोलने का आदेश पहले ही जारी हो चुका है। इन कक्षाओं के छात्र-छात्राओं ने स्कूल जाकर पढ़ाई भी शुरू कर दी है। वहीं प्राइमरी स्कूलों के खुलने को लेकर बने संशय पर पहली सितंबर से विराम लग गया और तय तिथि पर प्रदेश भर में सभी सरकारी प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए।
हालांकि कोरोना महामारी के बीच बुधवार से कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चे भी स्कूल पहुंच गए। शासन के अफसरों ने स्कूल खोलने से पहले कोरोना संबंधी नियमों के पालन का जो लंबा चिट्ठा जारी किया था, उन नियमों का पालन तो बहुत कम ही दिखा। उच्च प्राथमिक विद्यालय मल्टी स्टोरी सजारी में प्रधानाध्यापक निहारिका सिंह ने बताया कि कक्षा एक पांचवीं तक कुल 302 बच्चे स्कूल पहुंच गए। ऐसे में सभी कक्षाएं फुल हो गईं और बच्चों के बीच शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो सका। कई बच्चे बिना मास्क लगाए भी पढ़ते रहे। प्राथमिक विद्यालय शास्त्री नगर बालक प्रथम में कुल 45 में से 12 बच्चे उपस्थित दिखे। कक्षा एक के छात्र सागर से जब पूछा गया कि एमडीएम खाया, तो जवाब मिला- घर से ही खाना खाकर आए हैं। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय कन्या नारायणपुरवा में कुल 32 में से 18 बच्चे स्कूल पहुंचे। इंचार्च प्रधानाध्यापक नीलकमल ने बताया कि कई बच्चों के लिए अभिभावकों ने सहमति नहीं दी। इसी तरह अन्य प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति न के बराबर रही। प्राथमिक विद्यालय परमट में प्रधानाध्यापक नवीन त्रिपाठी ने बताया कि महज छह से सात बच्चे ही उपस्थित रहे।
निजी स्कूलों में हाइब्रिड माडल से पढ़ाई : निजी स्कूलों में बुधवार से हाइब्रिड माडल पर आधारित पढ़ाई शुरू हुई। दिल्ली पब्लिक स्कूल सर्वोदय नगर में हेडमिस्ट्रेस प्रतिभा शुक्ला ने बताया कि जिन अभिभावकों ने बच्चों को नहीं भेजा, उनके लिए आनलाइन और जो बच्चे आ गए उन्होंने आफलाइन पढ़ाई की। सीबीएसई के सिटी कोआॢडनेटर बलविंदर सिंह ने बताया कि करीब 50 फीसद तक बच्चे पहले दिन स्कूल पहुंचे।