पेड़ों को बचाएं और पॉलीथिन का उपयोग न करें
पर्यावरण प्रदूषण से संत मोरारी बापू भी चिंतित हैं। उन्होंने सीएसए में चल रही कथा में लोगों से पौधे लगाने, पेड़ बचाने और पॉॅलीथिन का उपयोग न करने की सलाह दी।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पर्यावरण प्रदूषण से संत मोरारी बापू भी चिंतित हैं। उन्होंने सीएसए में चल रही कथा में लोगों से पौधे लगाने, पेड़ बचाने और पॉॅलीथिन का उपयोग न करने की सलाह दी। पेड़ों की रक्षा कर पौधे लगा देश को निखारने व ऊर्जा की बचत कर देश सेवा में अपना योगदान देने को कहा। बोले, इस बार गंगा मैया को जरूर देखने जाऊंगा ताकि पता चले कि आप लोगों ने उन्हें किस हालत में ला दिया।
मोरारी बापू ने कहा कि आज संसार में कई तरह के धर्म हैं परंतु आज भी श्रेष्ठ धर्म में मानव धर्म को सर्वोपरि माना जाता है। इंसान का इंसान के प्रति जो प्रेम होगा वही संसार में सबसे बड़ा धर्म होगा। मानव धर्म की सबसे बड़ी पहचान उसकी सरलता और सहजता है। श्रीराम कथा मानव के समस्त दुखों का निवारण करती है, इसलिए इंसान को लोगों से अपने दुख के बारे में रोने के बजाय वही समय प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए। जीवन में कभी भी वक्ता को नहीं उसके वक्तव्य को सुनना चाहिए। विधि मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी मोरारी बापू से आशीर्वाद लिया।
..अगर हर सास कौशल्या बन जाए
महाराज श्री ने कहा कि जिस प्रकार सीता मां के कदम सास कौशल्या सीधे धरती पर नहीं पड़ने देती थीं ऐसा प्यार जो बेटों से ज्यादा कौशल्या मां अपनी बेटी समान बहू से करती थीं। ठीक इसी प्रकार इस युग में भी अगर हर सास कौशल्या बन जाए तो उनकी बहू अपने आप सीता बन जाएगी।
हर व्यक्ति का अपना-अपना नजरिया
अमेरिका का एक प्रसंग सुनाते हुए बोले कि एक बच्चा अग्निकुंड में 100 डॉलर डाले तो बापू ने भी 100 डॉलर डाले यह सब देख एक व्यक्ति ने कहा कि वो बच्चा होकर ये कर रहा है और आप ज्ञानी होने के बाद भी ऐसा कर रहे हैं। इस पर बापू ने कहा कि ये तेरा नजरिया है कि जिसे तू डॉलर देखता है उसे मैं कागज देखता हूं। ये साधु का चरित्र है।
कोई बुजुर्ग नहीं होता
बापू ने युवाओं को बताया कि कोई भी बुजुर्ग नहीं होता है। इंसान का तन बुजुर्ग होता है। मन से इंसान हर उम्र में युवा होता है।