गंगा के बाद पांडु नदी को बचाने की मुहिम शुरू
5.50 करोड़ लीटर दूषित नदी में जाने से रोकने की तैयारी, जल संसाधन मंत्रालय ने मांगी चल रहे कामों की रिपोर्ट
जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा के बाद पांडु नदी को बचाने की मुहिम शुरू हुई है। नमामि गंगे के तहत पांडु नदी में जा रहे 5.5 करोड़ लीटर दूषित सीवर के पानी को गिरने से बचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जल संसाधन मंत्रालय ने चल रहे कामों की रिपोर्ट मांगी है। गंगा के बाद पांडु नदी में गिर रहे नालों को रोकने के लिए क्या-क्या कार्रवाई की जा रही है?
पांडु नदी में नालों के गिरने के कारण पानी दूषित हो गया है। इसके चलते किसानों ने खेती के लिए पांडु नदी का पानी लेना बंद कर दिया है। रोज करोड़ों लीटर दूषित पानी सीधे नदी में गिर रहा है। नदी बाद में गंगा में मिल जाती है। दूषित पानी गंगा में मिल जाता है। इसको रोकने के लिए नमामि गंगे के तहत कई प्रोजेक्ट शुरू कर दिए गए है।
2.50 करोड़ लीटर सीवर का पानी नाले में नहीं जाएगा
आजादी के 70 साल बाद भी वार्ड फजलगंज, भन्नानापुरवा, रायपुरवा और जूही के कई इलाकों में सीवर लाइन नहीं पड़ी है। सीवर का पानी नाले में डाला जा रहा है। नालों से दूषित पानी पांडु नदी में गिर रहा है। इसको रोकने के लिए अमृत योजना से 47 करोड़ रुपये से सीवर लाइन डालने व कनेक्शन जोड़ने का प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। सर्वे कराया जा रहा है।
गुजरात की भुगन कंपनी ने काम कराने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। डेढ़ साल में प्रोजेक्ट पूरा करना है।
यह होने हैं काम
लागत - 47 करोड़ रुपये
वार्ड- भन्नानापुरवा, फजलगंज, रायपुरवा और जूही
सीवर पानी निकलता - 2.50 करोड़ लीटर
गिरता - नाले के माध्यम से सीधे पांडुनदी
काम पूरा होना है - डेढ़ साल में
कनेक्शन - 5518
दूषित पानी जाएगा- राखी मंडी पंपिंग स्टेशन से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बिनगवां में ट्रीट के लिए पानी जाएगा। यहां से ट्रीट होकर पांडु नदी में डाला जाएगा।
ट्रीट होकर गंगा में गिरेगा तीन करोड़ लीटर दूषित पानी
शताब्दीनगर, पनकी, कल्याणपुर समेत आधा दर्जन क्षेत्र का तीन करोड़ लीटर दूषित पानी सीधे पांडु नदी में गिरने से रोकने की तैयारी शुरू की गई है। पनका में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए सीवर लाइन भी डाली जाएगी। गुजरात की कंपनी शापूरजी पालोनजी को काम दिया गया है। कंपनी ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। बने या बन रहे एसटीपी का रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी भी कंपनी के पास है।
योजना का हाल
योजना- एसटीपी का निर्माण व रखरखाव
एसटीपी बनना हैं - पनका में 30 एमएलडी एसटीपी। इसके अलावा उन्नाव व शुक्लागंज में भी एसटीपी का भी निर्माण कंपनी के पास है।
लागत- 817 करोड़ रुपये
काम पूरा होना है - दो साल में
योजना मे यह भी शामिल- शहर में बन रहे या बने एसटीपी का रखरखाव व संचालन
संचालन करना है - 15 साल
इनसेट
प्रधानमंत्री कर सकते शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शहर आगमन के दौरान पनका सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास कर सकते है। इस काम की पूरी रिपोर्ट शासन ने मांगी है। इसको लेकर तैयारियां भी तेज कर दी गई है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
चार वार्डों में सीवर लाइन डालने और पनका में एसटीपी के निर्माण को लेकर काम शुरू हो गया है। शासन स्तर पर रिपोर्ट मांगी गई है।
- आरके अग्रवाल, महाप्रबंधक जल निगम