Sanjeet Murder Case: पांडु नदी में संजीत का शव तलाश रही कानपुर पुलिस, कई गोताखोर भी लगाए
देर रात संजीत के स्वजनों को घटना की जानकारी देने से पहले पुलिस के अाला अधिकारियों ने नदी में शव की तलाश कराई थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
कानपुर, जेएनएन। अपहरण के 28 दिन बाद पैथालॉजी कर्मी संजीत यादव की हत्या का खुलासा होने और शव पांडु नदी में फेंके जाने की जानकारी के बाद घरवालों में कोहराम मचा है, वहीं पुलिस के पास भी स्वजनों के सवालों का कोई जवाब नहीं हैं। अब सिर्फ पुलिस पांडु नदी में शव की तलाश में जुटी है, रात में मोटरबोट लगाकर तलाश कराने के बाद सुबह से गोताखोरों को नदी में उतारा गया है। साथ ही नदी में नाविकों के माध्मय से जाल डलवाने की भी तैयारी की जा रही है।
26 जून को संजीत यादव के अपहरण के बाद तीस लाख की फिरौती मांगे जाने पर पुलिस ने स्वजनों को रकम देते समय अपहर्ताओं को पकड़ने की तैयारी की थी। स्वजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने अपहर्ताओं को तीस लाख रुपये दिला दिए लेकिन न तो बेटे को वापस लाई और न ही अपहर्ताओं को पकड़ सकी। प्रकरण सामने आने के बाद पुलिस के आला अफसर भी सन्न रह गए थे।
अपहर्ताओं को संजीत की तलाश में जुटी पुलिस को गुरुवार की रात उसकी हत्या कर शव पांडु नदी में फेंके जाने की जानकारी हुई। इसपर रात में ही पुलिस ने पांडु नदी में शव की तलाश कराने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। देर रात पुलिस ने स्वजनों को सच्चाई बताई तो सभी बदहवास हो गए और संजीत को एक बार देखने की मांग करने लगे। पांडु नदी में पानी का बहाव काफी तेज होने के कारण पुलिस को सर्च ऑपरेशन चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
देर रात अधिकारियों ने पीएसी की मोटर बोट भी मंगवाई और तलाश शुरू कराई लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस की एक टीम आसपास झाडिय़ों व खेतों में छानबीन करती रही। सुबह होने पर पुलिस ने पांडु नदी में गोताखोरों को उतारकर संजीत की तलाश शुरू कराई है। नदी में जाल डलवाने की भी तैयारी की जा रही है। संजीत के पिता चमन सिंग ने एसएसपी से फोन पर कहा है कि जिस जगह बेटे के साथ घटना हुई, वह जगह मुझे देखनी है।