Kanpur Kidnapping Case: अपहरण से हत्या तक सबकी तय थी भूमिका, संजीत का बड़बोलापन बना वजह
Sanjeet Kanpur Kidnapping News पुलिस रिमांड में अपहर्ताओं ने बर्रा निवासी पैथोलॉजी कर्मी की अपहरण व हत्या का घटनाक्रम बताया।
कानपुर, जेएनएन। बर्रा निवासी पैथोलॉजी कर्मी संजीत अपहरण-हत्याकांड में शामिल सभी आरोपितों की भूमिका पहले से तय कर दी गई थी। मास्टर माइंड ज्ञानेंद्र और रामजी ने मिलकर योजना बनाई थी। यह सच आरोपितों से कस्टडी रिमांड के दौरान पूछताछ में सामने आया है। वहीं संजीत की एक लाख रुपये महीने की आय का बड़बोलापन उसके लिए काल साबित हो गया।
अपहर्ता और उसकी भूमिका
ज्ञानेंद्र यादव निवासी दबौली वेस्ट : संजीत के अपहरण की योजना तैयार करना। जन्मदिन की पार्टी का आयोजन, रतनलाल नगर में किराये का मकान लेना, संजीत को कार से लेकर जाना, हत्या के बाद शव ठिकाने लगाना।
कुलदीप गोस्वामी निवासी सरायमीता पनकी : संजीत का करीबी, इस पर संजीत को पार्टी के लिए बुलाकर लाने की जिम्मेदारी थी।
नीलू सिंह निवासी गज्जूपुरवा सचेंडी : फिरौती के लिए सिमकार्ड खरीदना और संजीत के स्वजन को कॉल करना।
रामजी शुक्ला निवासी अंबेडकर नगर पानी की टंकी : अपहरण की योजना बनाना। हत्या के बाद फिरौती मांगने के लिए दबाव बनाना। फिरौती का बैग लेकर पहुंचने समेत संजीत के सामान को ठिकाने लगाना।
प्रीति शर्मा निवासी कौशलपुरी : घटना में ज्ञानेंद्र का साथ देना। घर पर अपहृत की निगरानी। पांच लाख रुपये का लालच था।
एक लाख महीने की कमाई बता संजीत ने गंवाई जान
रिमांड पर लिए गए आरोपितों ने पूछताछ में पता चला है कि संजीत का बड़बोलापन उसके अपहरण व हत्या का कारण बन गया। आरोपितों के मुताबिक, संजीत ने उनको बताया था कि उसके चार-पांच ट्रक खदान में चलते हैं। वहीं, हर महीने शेयर मार्केट से भी अच्छी रकम आती है। दोनों को मिलाकर करीब एक लाख रुपये महीने की कमाई होती है। संजीत बताता था कि लैब टेक्नीशियन की नौकरी तो सिर्फ टाइम पास के लिए करता था। इतना ही नही बैंक खाते में लाखों रुपये होने की बात कहकर पास बुक भी दिखाई थी। इसके बाद ही सभी ने मिलकर संजीत का अपहरण कर फिरौती मांगने की योजना बनाई थी।