विजय पाना ही था वीर शिवाजी का लक्ष्य, उन्हीं की नीतियों पर चलकर मिलती है जीत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने हिंदवी स्वराज्य स्थापना दिवस पर रखे विचार।
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शिवाजी का लक्ष्य बेहद स्पष्ट था। केवल और केवल विजय। इसके लिए पैर पीछे रखना पड़े, माफी मांगनी पड़े या कुछ भी करना पड़े वह सब करेंगे। इसलिए उन्होंने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की थी। हिंदवी स्वराज्य स्थापना दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने रखे। उन्होंने विश्व सवांद केंद्र के पेज के जरिए देश के लाखों स्वयंसेवकों तक अपनी बात पहुंचाई।
शिवाजी के चरित्र निर्माण में माता जीजाबाई का अहम योगदान
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी की नीतियां आज भी जीवित हैं। इन्हीं नीतियों पर आगे बढऩे से विजय मिलती है। उनके इस चरित्र निर्माण में उनकी माता जीजाबाई का बड़ा अहम योगदान था। समाज की माताओं बहनों को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। संबोधन के दौरान विश्व सवांद केन्द्र के अध्यक्ष वासुदेव वासवानी, प्रांत प्रचारक श्रीराम, प्रांत सह प्रचार प्रमुख अनुपम, विभाग कार्यवाह भवानीभीख, नीतू सिंह, दिनेश कटियार, मनोज संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
हिंदू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाया
विश्व हिंदू परिषद, बजरंगदल कानपुर उत्तर जिले ने हिंदू विजय युग प्रवर्तक छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक, हिंदू पादशाही के प्रारम्भ का दिन हिन्दू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाया। पदाधिकारियों ने छत्रपति वीर शिवाजी महाराज के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हेंं याद किया। यह आयोजन लॉकडाउन के नियमों को ध्यान में रखते हुए बेहद सूक्ष्म रूप से विहिप उत्तर जिला मंत्री के निवास पर किया गया। यहां विहिप के प्रान्तीय सहमन्त्री दीनदयाल गौड़, धनराज राजपूत, मोनेन्द्र राजपूत, ओमप्रकाश, अमित वर्मा, नेहा राजपूत, राजू, अंशु गुप्ता थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपने अपने घरों पर ध्वज आदि फहराकर या वीर शिवाजी के चित्र पर पुष्प अॢपत करके यह दिवस मनाया। इसमें डॉ. दिवाकर मिश्रा, शिवांग मिश्रा, अनूप अवस्थी आदि अनेक लोग शामिल रहे।