कारोबारियों के लिए खुशखबरी, जीएसटी काउंसिल की बैठक में राहत भरा फैसला
सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये के कारोबार पर ही लेना होगा पंजीयन, दूसरे राज्य में माल की बिक्री करने वालों को भी नहीं मिलेगा लाभ।
By Edited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 12:50 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 11:52 AM (IST)
कानपुर,जेएनएन। जीएसटी काउंसिल की बैठक में 20 लाख रुपये की पंजीयन सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये जरूर कर दिया गया है, लेकिन यह सिर्फ माल की बिक्री पर लागू होगी। इसे सेवा क्षेत्र पर लागू नहीं किया गया है। इसी तरह दूसरे राज्य में माल की बिक्री करने वालों की पंजीयन की सीमा 20 लाख रुपये ही रहेगी। जीएसटी काउंसिल की बैठक में कारोबारियों को जबरदस्त राहत दी गई हैं, लेकिन इसमें भी कुछ शर्त लगी हुई हैं।
सबसे ज्यादा राहत देने वाली घोषणा पंजीयन सीमा के संबंध में हुई है। इसमें 20 लाख रुपये के कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 40 लाख किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जो कारोबारी राज्य के अंदर ही अपने माल को बेचते हैं, उन्हें ही इस छूट का लाभ मिलेगा और उनकी पंजीयन सीमा 40 लाख रुपये की हो जाएगी। जो कारोबारी अपने माल को दूसरे राज्य में बेचते हैं, उन्हें इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। उनको 20 लाख रुपये के टर्नओवर पर ही अपना पंजीयन कराना होगा।
इसके अतिरिक्त पंजीयन की यह बढ़ी हुई सीमा सिर्फ माल बेचने वाले कारोबारियों के लिए है। जो लोग सेवा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। उनके लिए पंजीयन की सीमा 20 लाख की ही होगी। राज्य सरकार को सीमा बढ़ाने के अधिकार काउंसिल ने 20 लाख से 40 लाख रुपये पंजीयन करने का अधिकार भी राज्य सरकारों को देने के सुझाव दिए हैं। यह बढ़ी हुई सीमा एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होगी। टैक्स सलाहकार संतोष गुप्ता का कहना है कि सेवा क्षेत्र के कारोबारियों के लिए फिलहाल 40 लाख की पंजीयन सीमा का लाभ नहीं है। दूसरे राज्य में माल बेचने वाले भी 20 लाख में ही पंजीयन लेंगे।
सबसे ज्यादा राहत देने वाली घोषणा पंजीयन सीमा के संबंध में हुई है। इसमें 20 लाख रुपये के कारोबार की सीमा को बढ़ाकर 40 लाख किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि जो कारोबारी राज्य के अंदर ही अपने माल को बेचते हैं, उन्हें ही इस छूट का लाभ मिलेगा और उनकी पंजीयन सीमा 40 लाख रुपये की हो जाएगी। जो कारोबारी अपने माल को दूसरे राज्य में बेचते हैं, उन्हें इस छूट का लाभ नहीं मिलेगा। उनको 20 लाख रुपये के टर्नओवर पर ही अपना पंजीयन कराना होगा।
इसके अतिरिक्त पंजीयन की यह बढ़ी हुई सीमा सिर्फ माल बेचने वाले कारोबारियों के लिए है। जो लोग सेवा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। उनके लिए पंजीयन की सीमा 20 लाख की ही होगी। राज्य सरकार को सीमा बढ़ाने के अधिकार काउंसिल ने 20 लाख से 40 लाख रुपये पंजीयन करने का अधिकार भी राज्य सरकारों को देने के सुझाव दिए हैं। यह बढ़ी हुई सीमा एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होगी। टैक्स सलाहकार संतोष गुप्ता का कहना है कि सेवा क्षेत्र के कारोबारियों के लिए फिलहाल 40 लाख की पंजीयन सीमा का लाभ नहीं है। दूसरे राज्य में माल बेचने वाले भी 20 लाख में ही पंजीयन लेंगे।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें