यूपीसीए निदेशक की बेटी पर बंगले में हमला कर लाखों की लूट Kanpur News
नवाबगंज में कोहना थाने से चंद कदम दूरी पर वारदात हुई जान से मारने के लिए सिर पर पेंचकस मारा और तार से गला कसा।
By AbhishekEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 02:50 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 11:50 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। नवाबगंज में कोहना थाने से चंद कदम दूर विष्णुपुरी कालोनी की एकता पथ सोसाइटी में शुक्रवार देर रात बदमाश ने यूपीसीए निदेशक एसके अग्र्रवाल की बेटी अनीता मित्तल के बंगले में घुसकर लूटपाट की। बाथरूम का दरवाजा नीचे से तोड़कर घुसे लुटेरे ने अपने कमरे में सो रहीं अनीता को जान से मारने की भी कोशिश की। सिर पर पहले पेंचकस से वार किए, फिर तार से गला कसा। उनके बेहोश होने पर अलमारी में रखे करीब सात लाख रुपये के जेवर व 60 हजार रुपये अटैची में भरे। अनीता को कमरे में बंदकर उनकी ही कार से लुटेरा फरार हो गया। घटना के बाद सोसाइटी में सनसनी फैल गई। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में लुटेरा कार में बैठते हुए दिखा।
पड़ोसी दीप नारायण उर्फ पिंकू शुक्ला ने बताया कि देर रात दो बजे अनीता जोर से चिल्लाईं तो मां शिवदुलारी ने पौत्र प्रमोद को भेजा। प्रमोद सोसाइटी के गार्ड आरपी शर्मा को लेकर पहुंचा तो देखा कि अनीता के कमरे के बाहर ताला लगा था। तब उसने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। पुलिस ने आकर अनीता को निकाला तो वह लहूलुहान थीं। कमरे में सारा सामान बिखरा था। भाई संजय व भाभी डॉ. शुभा को बुलवाया गया। उनके आने पर अनीता को रीजेंसी अस्पताल ले जाया गया। सीओ स्वरूप नगर अजीत सिंह चौहान का कहना है कि सोसाइटी में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में लुटेरे की तस्वीर कैद हुई है। घर आने वाली नौकरानी व आसपास काम कर रहे एक दर्जन मजदूरों से भी पूछताछ की जा रही है।
15 मिनट चुप रहना, वरना जान से जाओगी...
दिल्ली से आई डॉक्टर बेटी अनुजा व दामाद विनीत तेलानी को अनीता ने बताया कि लुटेरे ने आते ही मुंह पर चादर डाल धारदार भारी वस्तु से सिर व चेहरे पर वार किए। वह चीखीं तो मुंह दबाया और बाल पकड़ खींचकर फर्श पर गिरा दिया। हाथ से गला घोंटने लगा तो उन्होंने लुटेरे के हाथ में दांत से काटा। फिर उसने तार से गला कस दिया। इससे वह बेहोश हो गईं। कुछ देर बाद होश आया तो देखा कि लुटेरा अलमारी से जेवर- नकदी की रैक निकालकर अटैची में रख रहा था। उसने डीवीआर भी रखा। पानी मांगने पर टंकी वाला पानी लाकर दिया। फिर फ्रिज से ठंडा पानी पिलाया और बोला, मेरे जाने के बाद 15 मिनट चुप रहना, वरना जान से जाओगी। मुझसे कुछ गलत हो जाएगा।
गेटबंद कालोनी में गार्ड, फिर भी लूट भागा लुटेरा
एकता पथ सोसाइटी में दो गेट हैं। पीछे वाला गेट रात में बंद रहता है। मेन गेट पर हमेशा गार्ड मौजूद होता है। उसे हर आने जाने वाली की इंट्री करनी चाहिए लेकिन, गार्ड की लापरवाही से लुटेरा आराम से आया और अनीता के घर लूट कर चला गया। अनीता की गाड़ी में युवक को जाते देखकर भी गार्ड ने पूछताछ नहीं की बल्कि रास्ता देने के लिए गेट खोल दिया।
अनीता मित्तल पर हमला कर लूट से सोसाइटी के बाकी परिवार भी सहम गए हैं। हर कोई इस सवाल में ही उलझा है कि आखिर सुरक्षा के बावजूद लुटेरा अंदर कैसे दाखिल हुआ? कयास लगाए जा रहे हैं कि बदमाश किसी जानकार की मदद से आया और वहीं पर रुक गया होगा। उसके और भी साथी हो सकते हैं जो बाहर कहीं इंतजार कर रहे होंगे। शनिवार सुबह लोगों को गार्ड की लापरवाही का पता लगा तो उसे फटकार लगाई। पुलिस ने भी गार्ड से पूछताछ की। इंस्पेक्टर दिलीप कुमार बिंद ने बताया कि अनीता के घर सुबह 10 से शाम चार बजे तक रहने वाली नौकरानी से भी पूछताछ हो रही है। शुक्रवार को वह काम पर नहीं आई थी।
राजस्थान, बिहार के मजदूरों से पूछताछ
इन दिनों सोसाइटी में एक दर्जन से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं। सात मजदूर राजस्थान के रहने वाले हैं तो बाकी बिहार व आसपास के जिलों के हैं। उन सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है। राजस्थान के मजदूर तो अनीता के बंगले के बगल वाले कमरे में ही रुके हैं। उनके मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
फोरेंसिक टीम ने भी की जांच
बंगले में ताला लगा होने से शनिवार दोपहर फोरेंसिक टीम बैरंग लौट गई। शाम को ताला खुलवाकर टीम को दोबारा बुलवाया गया। टीम ने फिंगर व फुट प्रिंट जुटाए व आने जाने के रास्तों को देखा। इंस्पेक्टर ने बताया कि लुटेरा रात 1.38 बजे कार से बाहर निकला। वह कैसे आया, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
पति की ट्रेन में लुटेरों ने की थी हत्या
अनीता के पति लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग मित्तल की 28 अगस्त 2007 को श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली जाते वक्त एसी एसी बोगी में हत्या कर लूटपाट की गई थी। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जब टीसी कोच आया तो डॉ. अनुराग ने जेब से टिकट निकालकर दिखाया। तभी साथ सफर कर रहे आरोपित उन्नाव निवासी बृजेश ने उनके पास लाखों रुपये देख लिए थे। उसने गला दबा हत्या करने के बाद एक लाख रुपये, आठ हजार अमेरिकी डॉलर व दो मोबाइल लूट लिए, शव और सामान को हाथरस में चलती ट्रेन से फेंक दिया था।
बृजेश तब देहरादून से बीएससी कर रहा था। उसने लखनऊ के राजाजीपुरम के एक व्यक्ति की फर्जी आइडी पर रिजर्वेशन करवाया था। वह लखनऊ में डॉलर एक्सचेंज करवाने की कोशिश में पकड़ा गया था। पति की मौत के बाद बेटियों अनुप्रिया और अनुजा की शादी होने पर अनीता अकेली रह रही थीं। कभी कभी वह तिलकनगर निवासी पिता एसके अग्र्रवाल व भाई संजय अग्रवाल से मिलने चली जाती थीं।
पड़ोसी दीप नारायण उर्फ पिंकू शुक्ला ने बताया कि देर रात दो बजे अनीता जोर से चिल्लाईं तो मां शिवदुलारी ने पौत्र प्रमोद को भेजा। प्रमोद सोसाइटी के गार्ड आरपी शर्मा को लेकर पहुंचा तो देखा कि अनीता के कमरे के बाहर ताला लगा था। तब उसने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया। पुलिस ने आकर अनीता को निकाला तो वह लहूलुहान थीं। कमरे में सारा सामान बिखरा था। भाई संजय व भाभी डॉ. शुभा को बुलवाया गया। उनके आने पर अनीता को रीजेंसी अस्पताल ले जाया गया। सीओ स्वरूप नगर अजीत सिंह चौहान का कहना है कि सोसाइटी में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में लुटेरे की तस्वीर कैद हुई है। घर आने वाली नौकरानी व आसपास काम कर रहे एक दर्जन मजदूरों से भी पूछताछ की जा रही है।
15 मिनट चुप रहना, वरना जान से जाओगी...
दिल्ली से आई डॉक्टर बेटी अनुजा व दामाद विनीत तेलानी को अनीता ने बताया कि लुटेरे ने आते ही मुंह पर चादर डाल धारदार भारी वस्तु से सिर व चेहरे पर वार किए। वह चीखीं तो मुंह दबाया और बाल पकड़ खींचकर फर्श पर गिरा दिया। हाथ से गला घोंटने लगा तो उन्होंने लुटेरे के हाथ में दांत से काटा। फिर उसने तार से गला कस दिया। इससे वह बेहोश हो गईं। कुछ देर बाद होश आया तो देखा कि लुटेरा अलमारी से जेवर- नकदी की रैक निकालकर अटैची में रख रहा था। उसने डीवीआर भी रखा। पानी मांगने पर टंकी वाला पानी लाकर दिया। फिर फ्रिज से ठंडा पानी पिलाया और बोला, मेरे जाने के बाद 15 मिनट चुप रहना, वरना जान से जाओगी। मुझसे कुछ गलत हो जाएगा।
गेटबंद कालोनी में गार्ड, फिर भी लूट भागा लुटेरा
एकता पथ सोसाइटी में दो गेट हैं। पीछे वाला गेट रात में बंद रहता है। मेन गेट पर हमेशा गार्ड मौजूद होता है। उसे हर आने जाने वाली की इंट्री करनी चाहिए लेकिन, गार्ड की लापरवाही से लुटेरा आराम से आया और अनीता के घर लूट कर चला गया। अनीता की गाड़ी में युवक को जाते देखकर भी गार्ड ने पूछताछ नहीं की बल्कि रास्ता देने के लिए गेट खोल दिया।
अनीता मित्तल पर हमला कर लूट से सोसाइटी के बाकी परिवार भी सहम गए हैं। हर कोई इस सवाल में ही उलझा है कि आखिर सुरक्षा के बावजूद लुटेरा अंदर कैसे दाखिल हुआ? कयास लगाए जा रहे हैं कि बदमाश किसी जानकार की मदद से आया और वहीं पर रुक गया होगा। उसके और भी साथी हो सकते हैं जो बाहर कहीं इंतजार कर रहे होंगे। शनिवार सुबह लोगों को गार्ड की लापरवाही का पता लगा तो उसे फटकार लगाई। पुलिस ने भी गार्ड से पूछताछ की। इंस्पेक्टर दिलीप कुमार बिंद ने बताया कि अनीता के घर सुबह 10 से शाम चार बजे तक रहने वाली नौकरानी से भी पूछताछ हो रही है। शुक्रवार को वह काम पर नहीं आई थी।
राजस्थान, बिहार के मजदूरों से पूछताछ
इन दिनों सोसाइटी में एक दर्जन से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं। सात मजदूर राजस्थान के रहने वाले हैं तो बाकी बिहार व आसपास के जिलों के हैं। उन सभी से पुलिस पूछताछ कर रही है। राजस्थान के मजदूर तो अनीता के बंगले के बगल वाले कमरे में ही रुके हैं। उनके मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई जा रही है।
फोरेंसिक टीम ने भी की जांच
बंगले में ताला लगा होने से शनिवार दोपहर फोरेंसिक टीम बैरंग लौट गई। शाम को ताला खुलवाकर टीम को दोबारा बुलवाया गया। टीम ने फिंगर व फुट प्रिंट जुटाए व आने जाने के रास्तों को देखा। इंस्पेक्टर ने बताया कि लुटेरा रात 1.38 बजे कार से बाहर निकला। वह कैसे आया, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
पति की ट्रेन में लुटेरों ने की थी हत्या
अनीता के पति लिवर रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग मित्तल की 28 अगस्त 2007 को श्रमशक्ति एक्सप्रेस से दिल्ली जाते वक्त एसी एसी बोगी में हत्या कर लूटपाट की गई थी। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। जब टीसी कोच आया तो डॉ. अनुराग ने जेब से टिकट निकालकर दिखाया। तभी साथ सफर कर रहे आरोपित उन्नाव निवासी बृजेश ने उनके पास लाखों रुपये देख लिए थे। उसने गला दबा हत्या करने के बाद एक लाख रुपये, आठ हजार अमेरिकी डॉलर व दो मोबाइल लूट लिए, शव और सामान को हाथरस में चलती ट्रेन से फेंक दिया था।
बृजेश तब देहरादून से बीएससी कर रहा था। उसने लखनऊ के राजाजीपुरम के एक व्यक्ति की फर्जी आइडी पर रिजर्वेशन करवाया था। वह लखनऊ में डॉलर एक्सचेंज करवाने की कोशिश में पकड़ा गया था। पति की मौत के बाद बेटियों अनुप्रिया और अनुजा की शादी होने पर अनीता अकेली रह रही थीं। कभी कभी वह तिलकनगर निवासी पिता एसके अग्र्रवाल व भाई संजय अग्रवाल से मिलने चली जाती थीं।
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