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Road Safety : ब्रेक और क्लच पैडल का फ्री प्ले क्यों है जरूरी और एंटी फाग लाइट लगाने की क्या है सही जगह

सुरक्षित यातायात के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है मौसम बदलाव के समय पुराने टायरों का इस्तेमाल घातक हो सकता है। ब्रेक और क्लच पैडल का फ्री प्ले होना जरूरी है और एंटी फाग लाइट की जगह भी तय है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriPublished: Wed, 16 Nov 2022 03:48 PM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2022 03:48 PM (IST)
Road Safety : ब्रेक और क्लच पैडल का फ्री प्ले क्यों है जरूरी और एंटी फाग लाइट लगाने की क्या है सही जगह
सुरक्षित यातायात के लिए वाहनों की फिटनेस जरूरी।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कमजोर और पुराने टायर हादसों के कारण बनते हैं। इसके बाद भी कुछ रुपये बचाने के लिए 20 प्रतिशत लोग पुराने टायर खरीद कर इस्तेमाल करते हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रयोग सार्वजनिक परिवहन और माल ढुलाई के वाहनों में होता है। यह खतरनाक है और कभी भी इससे हादसा हो सकता है।

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आटो, टेंपो, कैब, लोडर, मिट्टी ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले डंपर, मौरंग और गिट्टी ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्राली में लोग पुराने टायरों को खरीद कर लगा लेते हैं। इन टायरों को ठीक करके दोबारा इस्तेमाल में लाया जाता है। इन टायरों में रबर की मात्रा आधी होती है। इसकी वजह से टायर कमजोर रहते हैं। ये हवा का दबाव, गड्ढे की मार नहीं सह पाते। यही हाल मौसम के बदलाव में होता है। गर्मी में टायरों की रबर ढीली और सर्दियों में कड़ी हो जाती है। रबर ढीली होने से टायर के पंक्चर होने की आशंका बढ़ जाती है। रबर कड़ी होने पर कट लगने से टायर फट जाते हैं।

जान पर भारी जेब के बाहर जा रहा बजट

कार कंपनियां अपने टाप माडल में छह एयरबैग लेकर आ रही हैं। अब दो एयरबैग तो सभी कारों में आ रहे हैं क्योंकि सामने वाली दोनों सीटों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है। आम आदमी कार खरीदने से पहले जेब देखता है। बजट के मुताबिक कार खरीद कर वह संतुष्ट हो जाता है जबकि छह एयर बैग वाली कारों की शुरुआत 11 लाख रुपये से होती है। छह एयरबैग में दो बैग आगे वाली सीटों के सामने होते हैं। दो बैग कार के दोनों तरफ के दरवाजों के बीच के हिस्से पर होते हैं। वहीं पीछे बैठे लोगों के लिए आगे वाली सीटों के पिछले हिस्से पर बैग रहते हैं। टक्कर होते ही ये सभी बैग खुल जाते हैं।

स्टील या लोहे का गार्ड और सीट कवर लगाना खतरनाक

तिरुपति हुंडई कार शोरूम के महाप्रबंधक शैलेंद्र तिवारी के मुताबिक कार के बंपर पर स्टील या लोहे का गार्ड लगाना या सीट कवर लगाना खतरनाक हो सकता है। कार के बंपर पर सेंसर लगा होता है। दूसरी गाड़ी के उससे टकराते ही वह एयर बैग को खुलने का संकेत भेज देता है। इससे कार में सवार बच जाते हैं लेकिन लोहे या स्टील के गार्ड की वजह से अगर सेंसर पर टक्कर का प्रभाव नहीं पड़ा तो एयर बैग हो सकता न भी खुलें। इसी तरह सीट कवर लगा लिया गया तो टक्कर होने पर एयर बैग सीट कवर के अंदर ही फंस कर रह जाएंगे और वे कार सवारों की सुरक्षा नहीं कर पाएंगे।

सीट बेल्ट न लगाना घातक

अगली सीट पर बिना सीट बेल्ट लगाए बैठा सवार तेज रफ्तार में हादसा होने पर विंड स्क्रीन तोड़ कर बाहर जा सकता है क्योंकि कार की रफ्तार के साथ उसकी भी रफ्तार होती है। सीट बेल्ट हादसे में सवार को अपने साथ रोक लेती है।

एंटी लाक ब्रेकिंग सिस्टम गाड़ी पलटने से बचाता

एंटी लाक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) हादसों की रोकथाम में कारगर है। फिएट रिसर्च सेंटर ने यह तकनीक सबसे पहले वर्ष 1971 में खोजी थी। जबकि मर्सडीज बेंज डब्ल्यू116 में वर्ष 1978 में सबसे पहले इस्तेमाल किया गया। सामान्य ब्रेकिंग सिस्टम में अधिक रफ्तार में अचानक अगर ब्रेक पैडल तेजी से दबाया जाता था तो गाड़ी के पहिये लाक होने से फिसल जाते थे। जिससे गाड़ी पलटने की आशंका 90 प्रतिशत होती है। अब एबीएस सिस्टम में ऐसा नहीं होता ब्रेक का पैडल दबाने पर पहिये लाक नहीं होते रफ्तार कम होती जाती है और गाड़ी अनियंत्रित होकर फिसलती नहीं है। वर्ष 2015 से आठ से दस लाख कीमत वाली गाड़ियों में इसकी शुरूआत हो गई है।

एंटी फाग लैंप की उपयोगिता ही नहीं पता

एंटी फाग लैंप कोहरे में दृश्यता बढ़ाने में मददगार होता है। ये लाइट गाड़ी के बंपर पर लगाई जाती हैं। बेस माडल को छोड़कर सभी गाड़ियों में कंपनी की ओर से यह लगाकर दी जा रही है। बेस माडल में इसे लगाने का स्थान तो दिया जाता है, लेकिन लाइट अलग से लगवानी पड़ती है।

बचाव के उपाय

  • अधिक रफ्तार में वाहन न चलाएं।
  • समय से वाहनों की सर्विस कराएं।
  • टायरों में निर्धारित से अधिक हवा न भराएं।
  • ब्रांडेड पार्ट्स का ही इस्तेमाल करें।

 ब्रेक और क्लच पैडल का फ्री प्ले होता महत्वपूर्ण

वाहनों में क्लच और ब्रेक पैडल फ्री प्ले महत्वपूर्ण होता है। हादसों की रोकथाम और सुरक्षित यात्रा के लिए इनका दुरुस्त होना जरूरी है। सामान्य तौर पर ब्रेक लाइट और बैक लाइट, इंडीकेटर, पार्किंग आदि को लेकर लोग लापरवाही बरतते हैं। सर्विस सेंटर में आने वाले पुराने वाहनों में साइड देखने के लिए शीशे नहीं होते। सर्दी और वर्षा में वाइपर दुरुस्त रखने चाहिए। सस्ते के चक्कर में लोकल शीशे नहीं लगवाने चाहिए। दृश्यता कम और धुंधली होने से भी हादसे होते हैं। रिफलेक्टर खराब होने पर हेड लाइट बदलवा लेनी चाहिए। - उत्कर्ष सचान, गैराज संचालक


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