सीओडी पुल पर इधर सियासी जंग उधर उखड़ गई सड़क, बंद की गई दूसरी लेन Kanpur News
मंत्री के दबाव में अधूरा पुल खोल देने से लोक निर्माण विभाग की किरकिरी 12 साल बाद भी पुल की छीछालेदर।
कानपुर, जेएनएन। निर्माणाधीन अवधि में प्रदेश की तीन सरकारें देख चुके सीओडी पुल की दूसरी लेन चालू हुई तो इसने सरकारी कार्यशैली की धज्जियां उड़ा दीं। मंत्री के दबाव में अफसरों ने अधूरे पुल की दूसरी लेन चालू कर दी। महज 24 घंटे में सड़क उखड़ गई और 48 घंटे के भीतर ही उसे बंद करना पड़ा। घटनाक्रम से लोक निर्माण विभाग कटघरे में है तो सांसद और मंत्री के बीच सियासी जंग छिड़ गई है।
बसपा शासन में शुरू हुआ था निर्माण
790 मीटर लंबे सीओडी पुल का निर्माण 2008 में बसपा सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ था। 34.41 करोड़ रुपये के केंद्रीय बजट से निर्माण लोक निर्माण विभाग के एनएच खंड ने शुरू कराया था। 2013 में निर्माण में लापरवाही पर निर्माता विश्वा इंफ्राटेक कंपनी का ठेका बर्खास्त कर दिया गया। तीन प्रयास के बाद 55 करोड़ रुपये के रिवाइज रेट पर एसएच इंफ्राटेक को यह ठेका मिला। लेटलतीफी के कारण इस कंपनी पर जून 2017 में 3.84 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। तब कहीं जाकर पांच फरवरी 2018 को पुल पहली लेन चालू हो सकी।
29 दिसंबर को किया गया था दूसरी लेन तैयार होने का दावा
29 दिसंबर 2019 को विभाग ने दूसरी लेन भी तैयार होने का दावा किया, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। सड़क भी ढंग से नहीं बनी थी कि 26 जनवरी को औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने ई रिक्शा चलाकर पुल की दूसरी लेन से आवागमन चालू कर दिया। एनएच खंड के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहे। यह कहने की हिम्मत नहीं जुटाई कि अधूरी लेन से आवागमन खतरनाक है और हादसा हो सकता है। नतीजा यह हुआ कि खराब गुणवत्ता के कारण एक परत की सड़क उखड़कर बिखर गई। उधर, सांसद सत्यदेव पचौरी ने अधूरे पुल को खोले जाने की शिकायत केंद्र सरकार तक कर दी। खलबली मची तो अधिकारियों ने एसपी ट्रैफिक को पत्र भेजा। मंगलवार को इस पुल से आवागमन बंद कराया गया।
मंत्री का नाम लेने से कतरा रहा विभाग
हंगामा मचने के बाद पुल की दूसरी लेन का आवागमन बंद कराने वाले एनएच खंड के अधिशासी अभियंता एसपी ओझा इस मामले में मंत्री का नाम सुनते ही बात करने से कतराते हैं। वह कहते हैं कि दस डिग्री तापमान पर सड़क बनी थी, इसलिए टूटी होगी, जिसे दुरुस्त करवा दिया जाएगा। जब पुल पूरा नहीं हुआ तो उसे चालू करने से रोका क्यों नहीं गया? यदि कोई हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता? इन सवालों पर वह कहते हैं कि हादसा होता तो निश्चित रूप से विभाग जिम्मेदार होता, लेकिन लेन को चालू करने से रोकने के सवाल पर वह फिर खामोश हो जाते हैं। सिर्फ इतना कहते हैं कि विभाग ने इस लेन को चालू नहीं करवाया था।
नई लेन पर अभी यह काम हैं बाकी
- नई लेन की सड़क की एक परत बिछाना
- करीब 13 मीटर में बाकी है रेलिंग निर्माण
- 390 मीटर फुटपाथ का निर्माण बाकी
- लेन पर कर्व का निर्माण भी शेष
- पहले से चालू लेन पर भी नहीं बना है फुटपाथ
इनका ये है कहना
पुल पर अभी काम होना है। 30 लाख रुपये का पेमेंट रुकने की वजह से काम नहीं कर पाए। अब काम शुरू हो गया है।
रामऔतार, मैनेजर एसएच इंफ्राटेक
जुबानी जंग
लोक निर्माण विभाग की स्थिति पूरी तरह संदिग्ध है। डीएम को भी सही बात नहीं बताई। दो दिन से सुर्खियों में चल रहे इस मामले से सभी वाकिफ हैं, इसलिए मैं कहीं कोई शिकायत नहीं कर रहा हूं। मेरी आपत्ति केवल इतनी थी कि काम अधूरा था, विभाग ने आग्रह नहीं किया और मंत्री अधिकृत नहीं थे तो पुल शुरू नहीं करना चाहिए था। अब इसे तभी चालू किया जाए जब यह पूरा हो जाए।
-सत्यदेव पचौरी, सांसद
लोक निर्माण विभाग के एनएच खंड ने ही मीडिया में यह घोषणा की थी कि पुल तैयार है और इस पर यातायात शुरू कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी और लोनिवि अधिकारियों की मौजूदगी में पुल खोले जाने की बात तय हुई थी। पुल बंद करने से जनता की समस्या बढ़ेगी, इससे अधिक मुझे कुछ नहीं कहना।
-सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री