बंटवारे में बिगड़ी बात तो खुल गई रिटायर्ड फौजी की पोल, ऐसी सच्चाई आई सामने सभी रह गए हैरान
हमीरपुर में दो भाइयों के बीच जमीन बंटवारे के विवाद ने ऐसी सच्चाई उजागर हुई कि सभी हैरान रह गए। पुलिस ने अब फर्जीवाड़ा करके नौकरी करने वाले रिटायर्ड फौजी को गिरफ्तार करके कार्रवाई शुरू कर दी है।
हमीरपुर, जागरण संवाददाता। सेना की नौकरी पाने की चाहत में उम्र की बाधा आई तो बड़ा गांव निवासी पंचमलाल ने फर्जीवाड़ा का चक्र रच दिया। छोटे भाई गंगादीन की मार्कशीट के साथ ही उसका नाम भी उपयोग कर सेना में भर्ती हो गया और वर्ष 2000 में 22 साल नौकरी पूरी कर सेवानिवृत्त भी हो गया। गंगादीन के नाम से ही पेंशन ले रहा है। अवैध तरीके से उसके नाम पर ही शस्त्र लाईसेंस और टयूबवेल का कनेक्शन भी लिया है। अब जब भाइयों में जमीन बंटवारे को लेकर बात बिगड़ी तो छोटे भाई ने पुलिस से शिकायत कर सारी पोल खोल दी। पुलिस ने मंगलवार को पंचमलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
गंगादीन ने 18 जनवरी 2022 को कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि व छह भाई रामस्वरूप, पंचमलाल, गंगादीन उर्फ गंगाराम, गौरीशंकर, नारायणदास व अमरचंद्र हैं। उसके पिता किसान थे। बताया कि उसके बड़े भाई का नाम अभिलेखों में पंचमलाल है लेकिन वह अपना नाम गंगादीन बताता है। बताया कि वह दोनों भाई एक ही स्कूल में पढ़ाई करते थे। वह कक्षा 9वीं में फेल है। उसका भाई 12वीं में फेल है। आरोप लगाया कि 1978 में उसका भाई उसकी मार्कशीट चुराकर सेना में भर्ती हो गया था। उसके भाई ने उसकी मार्कशीट से 22 साल तक सेना में नौकरी की। आरोप लगाया कि उसके भाई रामस्वरूप और पंचमलाल के नाम से बड़ा गांव में जमीन खरीदी गई। साथ ही उसके व सबसे बड़े भाई के नाम बगल में जमीन खरीदी गई।
आरोप लगाया कि पंचमलाल ने अपनी जमीन का आधा हिस्सा अपनी पत्नी के नाम करा दिया। जबकि उसने अपनी जमीन अपने दो बेटों के नाम करा दी। उसने आरोप लगाया कि उसके भाई पंचमलाल ने गलत तरीके से आधार कार्ड, परिवार रजिस्टर व सरकारी अन्य दस्तावेजों में हेराफेरी की है। कहा कि वह जब खेत पर जाता है तो उसका भाई बंदूक दिखाकर जान से मारने की धमकी देता है। इसके अलावा भाई ने उसके नाम पर अवैध रूप से शस्त्र लाइसेंस और ट्यूबवेल कनेक्शन लेने का भी आरोप लगाया।
कोतवाल दिनेश सिंह ने बताया कि वादी की तहरीर पर पंचमलाल के खिलाफ धोखाधड़ी, चोरी व कूटरचित अभिलेख तैयार करने व जानमाल की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कर विवेचना की गई। जिसमें वादी द्वारा लगाए गए आरोप सत्य पाए गए, जिस पर आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।