Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन को लेकर बसों में उमड़ी बहनों की भीड़, फ्री यात्रा कर महिलाओं के खिले चेहरे
रक्षाबंधन को लेकर रोडवेज बसों में भीड़ हो रही है। बस में प्रवेश पाने के लिए लाेग धक्का-मुक्की तक कर रहे हैं। कई यात्राी खिड़कियों से अंदर पहुंचे। वहींनिश्शुल्क यात्रा की सुविधा पर महिलाओं ने खुशी जताई है। रोडवेज ने 135 बसों के फेरे बढ़ा दिए हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। रक्षाबंधन पर निश्शुल्क यात्रा का तोहफा मिलने पर रोडवेज बसों में बहनों की भीड़ उमड़ी रही। निश्शुल्क यात्रा से बहने खुश थी लेकिन बसों में चढ़ने के लिए उनको काफी परेशानी भी उठानी पड़ी। झकरकटी बस अड्डे पर बसें आते ही उनमें चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई।
यात्री बसों में जगह पाने के लिए खिड़कियों से अंदर घुसने का प्रयास करते रहें। प्रदेश सरकार ने रक्षाबंधन पर बहनों को दो दिन निश्शुल्क यात्रा का तोहफा दिया है। यह सुविधा 10 अगस्त रात 12 बजे शुरु हो गई है, 12 अगस्त रात 12 तक जारी रहेगी। रोडवेज बसों में यात्रा के लिए गुरुवार को सुबह से ही रोडवेज बसों में भीड़ उमड़ने लगी थी। जैसे-जैसे दिन बीतता गया बस अड्डे पर लोगों के आने का संख्या में भी वृद्धि होती गई।
रोडवेज ने त्योहार पर बढ़ने वाली भीड़ को देखते हुए बसों के फेरे बढ़ाने के साथ ही अतिरिक्त बसें भी चलाई है।इसके बावजूद यात्रियों को बसों के लिए भटकना पड़ा। लखनऊ, रायबरेली, हरदोई, वाराणसी, प्रयागराज, इटावा, आगरा, गोंडा जाने वाली बसे जैसे ही बस अड्डे पर आई उनमें बैठने के लिए यात्री दौड़ लगाने लगे। बसों के दरवाजे से अंदर जाने की जगह न मिलने पर महिलाएं अपने बच्चों को खिड़कियों से चढ़ाकर भेजती रही। झकरकटी बस अड्डे से प्रतिदिन 1200 बसों का आवागमन होता है। यहां से 35 हजार यात्री विभिन्न शहरों के लिए जाते है।
रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल अग्रवाल ने बताया कि रक्षाबंधन में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए 135 बसों के फेरे बढा़ए गए हैं। 40 अतिरिक्त बसें भी चलाई जा रही हैं। यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं।
महिलाएं बोलीं-
सरकार ने रक्षाबंधन पर महिलाओं को दो दिन निश्शुल्क यात्रा की सुविधा देकर बहुत अच्छा कार्य किया है।
-प्रिया, कानपुर से लखनऊ
सरकार ने निश्शुल्क यात्रा की सुविधा तो दे दी लेकिन बसों की कमी की वजह से भटकना पड़ रहा है।
-सुमन, कानपुर से फतेहपुर
दो दिन निश्शुल्क यात्रा से अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के बाद वापस भी आ सकेंगे। बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
-अंजली सिंह, कानपुर से हरदोई
रायबरेली के लिए बसें बहुत कम है। जो भी बस आ रही है,इतनी भीड़ उमड़ रही है कि चढ़ना मुश्किल हो रहा है।
-सुधा मिश्रा, कानपुर से रायबरेली