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कानपुर में मोहल्ले की महिलाएं बोलीं- Raju Srivastava भइया को हमारी उम्र लग जाए, बच्चों ने कहा चाचा का भोकाल है

Raju Srivastava दिल्ली के एम्स अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। उनके स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। कानपुर में उनके घर नयापुरवा के लोग टकटकी बांधे राजू भइया के ठीक होने की कामना कर रहे हैं।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 09:18 AM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:18 AM (IST)
कानपुर में मोहल्ले की महिलाएं बोलीं- Raju Srivastava भइया को हमारी उम्र लग जाए, बच्चों ने कहा चाचा का भोकाल है
Raju Srivastava के कानपुर निवास के पास रहने वाले लोग परेशान हैं।

कानपुर, जागरण संवाददाता। राजू भइया भले ही मुंबई में हास्य कलाकार हैं और मंत्री भी हैं, लेकिन उनमें बिल्कुल भी बदलाव नहीं आया है। वह जब भी यहां आते हैं तो पहले की तरह ही सभी से बात करते और उन्हें घर बुलाते हैं। लोगों से समस्या पूछते और अगर कोई मुसीबत में है तो उसकी हर तरह से मदद करते हैं। राजू भइया को हमारी उम्र लग जाए। बस वह जल्द ठीक हो जाएं। ये बातें नयापुरवा उनके घर के आसपास रहने वाली महिलाओं की थी। सभी भगवान से उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर दिनभर उनके परिवार के लोगों से फोन पर लोग संपर्क भी करते हैं।

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राजू भइया का अहसान कभी नहीं भूल सकती 

राजू भइया का अहसान कभी नहीं भूल सकती। पिछले साल पति को कैंसर हो गया था। राजू भइया को पता चला तो उन्होंने लखनऊ में भर्ती करवाया और इलाज के लिए रुपये भी दिए थे, लेकिन पति नहीं बच सके। लाकडाउन में भी उन्होंने राशन से लेकर आर्थिक मदद की थी। - राजेश्वरी देवी

जब भी राजू भइया अपने घर आते तो मोहल्ले में चाय, बिस्किट आदि बंटवाते थे। जब वापस जाते थे तो अपने भाई या अन्य किसी एक को कुछ रुपये देकर सभी को बंटवाते थे। राजू भइया और उनका परिवार का व्यवहार बहुत अच्छा है। -फूलजहां

लोगों को अलग-अलग नाम से पुकार करते हैं हंसी-मजाक

कभी अहसास ही नहीं हुआ कि राजू भइया इतनी बड़ी जगह पर पहुंच गए हैं। वह जब भी यहां आते हैं तो हम लोगों को देखकर घर बुला लेते थे। लोगों से हंसी-मजाक करते हुए अलग-अलग नाम से पुकारते और हालचाल लेते थे। -राजेश कुमार

गणेश महोत्सव में जरूर आते थे राजू चाचा

राजू चाचा गणेश महोत्सव पर जरूर आते थे। यहां लोगों को रोक-रोककर हालचाल पूछते और समस्या होने पर उनकी हर तरह से मदद करते थे। जब राजू चाचा अपने घर आते हैं तो कारों की लाइन लग जाती थी। उनका भोकाल ही अलग है-अमन


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