अब सड़कों पर धुआं नहीं उड़ा सकेंगे वाहन, क्यूआर कोड से आ जाएंगे पकड़ में
वायू प्रदूषण के खतरे को देखते हुए परिवहन विभाग ने की तैयारी, इंजन सही होने पर ही जारी होगा कोड।
By AbhishekEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 03:42 PM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 10:49 AM (IST)
जागरण संवाददाता, कानपुर : वायु प्रदूषण के खतरे को देखते हुए जहां कूड़ा करकट न जलाने, सड़क किनारे पानी के छिड़काव, बेवजह वाहनों का उपयोग न करने के लिए कहा जाता है। वहीं, खस्ताहाल वाहनों पर कार्रवाई कर उन्हें शहर से बाहर का रास्ता दिखाने के निर्देश दिए गए हैं। परिवहन विभाग ने धुआं उगलते वाहनों पर नकेल कसने की तैयारी की है।
उसके लिए प्रदूषण प्रमाण पत्रों को और अधिक हाईटेक किया जा रहा है। उसमें क्यूआर कोड रहेगा। इसकी सहायता से न सिर्फ वाहनों की जानकारी आ जाएगी, बल्कि जहरीला धुआं न उगने की गारंटी भी मिलेगी। यह तकनीक नए साल से शुरू हो जाएगी। इस संबंध में एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यालय में क्यूआर कोड पर चर्चा हुई है। जल्द ही इसे जनपदों में लागू कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था वायु प्रदूषण रोकने में कारगर होगी।
प्रदूषण केंद्रों से मिलेगा कोड युक्त प्रमाण पत्र
संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (आरटीओ) से अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों से क्यूआर कोड वाला प्रमाण पत्र मिलेगा। इसमें खास बात यह रहेगी कि यह प्रमाण पत्र पूरी जांच प्रक्रिया के बाद ही जारी होगा। अगर इंजन में मशीन का नोजल नहीं डाला गया तो सार्टिफिकेट नहीं मिलेगा।
फर्जी प्रमाण पत्रों पर लगेगी लगाम
कानपुर समेत आसपास के जनपदों में फर्जी तरह से प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। इनमें बिना वाहन चेक हुए सार्टिफिकेट जारी हो जाते हैं। क्यूआर कोड के जरिए यह फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।
सर्वर से जुड़ी रहेगी जानकारी
वाहनों की जानकारी परिवहन विभाग के सर्वर से जुड़ी रहेगी। इसे कोई भी संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से देखा जा सकेगा।
परिवहन अधिकारी टैब से देख सकेंगे
परिवहन अधिकारी चेकिंग के दौरान टैब से कुछ ही मिनटों में वाहनों की डिटेल ले सकेंगे।
उसके लिए प्रदूषण प्रमाण पत्रों को और अधिक हाईटेक किया जा रहा है। उसमें क्यूआर कोड रहेगा। इसकी सहायता से न सिर्फ वाहनों की जानकारी आ जाएगी, बल्कि जहरीला धुआं न उगने की गारंटी भी मिलेगी। यह तकनीक नए साल से शुरू हो जाएगी। इस संबंध में एआरटीओ प्रशासन आदित्य त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यालय में क्यूआर कोड पर चर्चा हुई है। जल्द ही इसे जनपदों में लागू कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था वायु प्रदूषण रोकने में कारगर होगी।
प्रदूषण केंद्रों से मिलेगा कोड युक्त प्रमाण पत्र
संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय (आरटीओ) से अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्रों से क्यूआर कोड वाला प्रमाण पत्र मिलेगा। इसमें खास बात यह रहेगी कि यह प्रमाण पत्र पूरी जांच प्रक्रिया के बाद ही जारी होगा। अगर इंजन में मशीन का नोजल नहीं डाला गया तो सार्टिफिकेट नहीं मिलेगा।
फर्जी प्रमाण पत्रों पर लगेगी लगाम
कानपुर समेत आसपास के जनपदों में फर्जी तरह से प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। इनमें बिना वाहन चेक हुए सार्टिफिकेट जारी हो जाते हैं। क्यूआर कोड के जरिए यह फर्जीवाड़ा रोका जा सकेगा।
सर्वर से जुड़ी रहेगी जानकारी
वाहनों की जानकारी परिवहन विभाग के सर्वर से जुड़ी रहेगी। इसे कोई भी संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से देखा जा सकेगा।
परिवहन अधिकारी टैब से देख सकेंगे
परिवहन अधिकारी चेकिंग के दौरान टैब से कुछ ही मिनटों में वाहनों की डिटेल ले सकेंगे।
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