प्रदेश के सात ग्रामीण बैंकों को मिलाकर तीन बैंक बनाने का प्रस्ताव
आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इम्प्लाईज एसोसिएशन ने इस संबंध में नीति निर्धारकों को पत्र लिखा है।
कानपुर (जेएनएन)। ग्र्रामीण बैंकों में 'एक प्रदेश-एक बैंक का नारा बुलंद हो रहा है। वित्त सेवा निदेशालय ने प्रदेश के सात बैंकों को मिलाकर तीन बैंक बनाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन, कर्मचारी संगठन 21 अन्य राज्यों की तरह एक राज्य-एक बैंक के लिए कमर कस रहे हैं। आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इम्प्लाईज एसोसिएशन ने इस संबंध में नीति निर्धारकों को पत्र लिखा है।
इसमें बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्र्रामीण बैंक, पूर्वांचल बैंक, काशी गोमती संयुक्त ग्र्रामीण बैंक को एक में मिलाने का प्रस्ताव है। ग्र्रामीण बैंक आफ आर्यावर्त व इलाहाबाद उत्तर प्रदेश ग्र्रामीण बैंक को एक साथ मिलाने के अलावा प्रथमा बैंक व सर्व उत्तर प्रदेश ग्र्रामीण बैंक को भी एक साथ मिलाने का प्रस्ताव है।
इन राज्यों में एक से ज्यादा ग्रामीण बैंक
उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र में एक से ज्यादा ग्र्रामीण बैंक हैं। बाकी राज्यों में एक ही ग्र्रामीण बैंक है।
तीन राज्यों ने दिया एक बैंक का प्रस्ताव
कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश की सरकारों ने निदेशालय को प्रदेश में एक बैंक का प्रस्ताव भेज दिया है।
किसकी क्या स्थिति
बैंक शाखाएं ग्र्राहक
बड़ौदा उप्र ग्र्रामीण बैंक 925, 1.5 करोड़
पूर्वांचल बैंक 571, 86 लाख
काशी गोमती संयुक्त ग्र्रामीण बैंक 450, 84 लाख
ग्र्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त 715, 1.2 करोड़
इलाहाबाद उप्र ग्र्रामीण बैंक 650, 1.15 करोड़
प्रथमा बैंक 412, 46 लाख
सर्व उप्र ग्र्रामीण बैंक 512, 56 लाख
'अच्छा यही है कि बार-बार के विलय की जगह एक प्रदेश- एक ग्र्रामीण बैंक वाली व्यवस्था को लागू कर दिया जाए। ग्र्रामीण बैंकों के नीति निर्धारकों को पत्र भेज चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जल्द मिलेंगे। मानसून सत्र के बाद सांसदों को भी इस संदर्भ में पत्र लिखेंगे।
- सगुण शुक्ला, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन