बसों की संख्या तो बढ़ा दी पर समस्याएं ज्यों की त्यों
शहीद मेजर सलमान खान अंतरराज्यीय झकरकटी बस अड्डा पर परिवहन अधिकारी बसों की संख्या फिर बढ़ाई जा रही है, लेकिन यहां सुविधाएं बढ़ाने के लि अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। चिलचिलाती धूप में यात्री जहां परेशान होते हैं वहीं बस चालकों और परिचालकों को भी खूब जूझना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, कानपुर:
शहीद मेजर सलमान खान अंतरराज्यीय झकरकटी बस अड्डा पर परिवहन अधिकारी बसों की संख्या फिर बढ़ाई जा रही है, लेकिन यहां सुविधाएं बढ़ाने के लि अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। चिलचिलाती धूप में यात्री जहां परेशान होते हैं वहीं बस चालकों और परिचालकों को भी खूब जूझना पड़ता है।
बस अड्डा पर प्रतिदिन 1400 बसों से अधिक बसें बाती हैं,हजारों यात्री आते-जाते हैं। 13 जून से और बसें यहां से चलेंगी। ऐसी स्थिति में यात्रियों की और संख्या भी स्टेशन पर बढ़ जाएगी। बस अड्डे पर साधारण यात्रियों के लिए बनाए गए प्रतीक्षालय के बगल में ही ट्रकों का मलबा पड़ा है। जब तेज हवा चलती है तो प्रतीक्षालय में बैठे यात्रियों का चेहरा धूल से भर जाता है। प्रतीक्षालय में तमाम कर्मचारी अपने दो पहिया वाहन खड़ा करते हैं।
वाटर कूलर खराब
प्रतीक्षालय में लगा वाटर कूलर पिछले दस दिनों से खराब है। यात्रियों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है। यहां दो रुपये का पाउच उन्हें तीन रूपये में मिलता है।
धंस रहीं ईटें
बस स्टेशन परिसर में बसों के दबाव के कारण ईटें धंस रही हैं। दर्जनों जगहों पर गढ्डे हो गए हैं। इन गढ्डों को ठीक कराने के बजाए उसमें ईट के टुकड़े भर दिए गए हैं। ऐसे में कई बार यात्री गिर जाते हैं।
धूप में बसें, यात्री बेहाल
95 प्रतिशत बसें धूप में खड़ी रहती हैं। उसमें बैठे यात्री उमस भरी गर्मी में परेशान होते हैं। विश्रामालय नहीं होने के कारण लंबी दूरी की बसों के चालक परिचालक बस के नीचे ही गर्मी में करवट बदलते रहते हैं। 'पीपीपी मॉडल के तहत बस अड्डे को आलमबाग की तर्ज पर टर्मिनल प्वाइंट बनाने की योजना प्रस्तावित है।'
- राजीव कटियार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, झकरकटी बस अड्डा
.............. ये सुविधाएं चाहिए
- महिला व पुरुष प्रतीक्षालय बनाया जाए
- इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले लगाने की आवश्यकता
- बसों के लिए प्लेटफार्म बनना चाहिए
- चालक व परिचालकों के लिए विश्रामालय बने
- पेयजल की दो टंकियां हैं, दो और बननी चाहिए
- एसी बस का एक टिकट काउंटर है, और बनना चाहिए
- साधारण बसों के लिए काउंटर नहीं हैं, बनने चाहिए
1400 बसें झकरकटी से चल रही हैं
94 नई एसी बसें और चलेंगी
40 हजार से अधिक यात्री रोज आत-जाते हैं
01 एसी प्रतीक्षालय है