सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन निजी कंपनी करेगी
वाजिदपुर स्थित 130 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अब कंपनी संचतालित करेगी। विरोध को देखते हुए फोर्स थी तैनात।
जागरण संवाददाता, कानपुर : वाजिदपुर स्थित 130 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अब शापोरजी -पालोनजी कंपनी करेगी।
कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मनोवेंद्र रे ने जल निगम महाप्रबंधक बीके गर्ग के साथ प्लांट के हस्तांतरण की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली हैं। इसको लेकर कर्मचारियों ने विरोध भी किया। एसीएम-दो अमित राठौर और सीओ छावनी आदेश पांडे चकेरी थाने की फोर्स के साथ मौजूद रहे।
कंपनी 15 साल तक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का रखरखाव व संचालन करेगी। इसके अलावा वाजिदपुर में स्थित पांच एमएलडी और 43 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी जल्द कंपनी को हस्तानांतरित किया जाएगा। 30 करोड़ रुपये से डेढ साल में कंपनी प्लांट की मरम्मत और सुंदरीकरण करवाएगी।
इस दौरान कर्मचारियों की मांग थी कि निजी कंपनी उनको भी काम पर रखे। एसीएम ने सभी कर्मचारियों को शांत कराया। जल निगम के महाप्रबंधक ने बताया कि 50 कर्मियों को कंपनी द्वारा रखा जाएगा। 25 को रख लिया गया है और 25 की नियुक्ति के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। इसके अलावा 20 कर्मचारियों को जलकल अपने पास रखेगा।
अर्मापुर पुल से जनता ने शुरू किया आवागमन
जासं, कानपुर : अर्मापुर में नहर के ऊपर का काम पूरा हो गया है। सोमवार को जनता ने इसे खोलकर आवागमन शुरू कर दिया, जिससे जाम की समस्या खत्म हो गई है। वर्ष 2018 में 30 मीटर पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इसे चार माह में पूरा होना था, लेकिन यह तय समय में पूरा नहीं हो पाया। इस वजह से यातायात फंस-फंस कर चल रहा था। इस पुल के बनने से कानपुर देहात, इटावा, औरैया सहित कई जनपदों से शहर आने वाले वाहन सवारों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सीपी गुप्ता ने बताया कि पुराना अर्मापुर पुल संकरा होने की वजह से जाम लगता था। नए पुल के तैयार होने से बिना फंसे वाहन जा सकेंगे।
सड़क के लिए मिली वित्तीय स्वीकृति: अर्मापुर से कल्याणपुर तक जाने वाली नहर पटरी में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिसकी वजह से नहर पटरी से कोई निकलता नहीं है। जल्द ही पीडब्ल्यूडी सड़क बनाएगा। इसके लिए शासन से वित्तीय स्वीकृति मिल गई है।