प्रतिमाओं के विसर्जन पर छलक उठे आंसू
जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा बैराज पर चल रहे कोटि लक्ष्मी महायज्ञ के समापन के बाद रविवार को प्रतिम
जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा बैराज पर चल रहे कोटि लक्ष्मी महायज्ञ के समापन के बाद रविवार को प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। गंगा के पावन तट पर भूविसर्जन के दौरान भक्तों की आंखें भर आईं। महालक्ष्मी के जयघोषों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। दूर दराज से सैकड़ों श्रद्धालु इसमें शामिल हुए।
शनिवार को पूर्णाहुति के बाद कोटि लक्ष्मी महायज्ञ का समापन हो गया था। रविवार दोपहर 12 बजे से पंडाल में स्थापित महालक्ष्मी जी की पूजा अर्चना हुई। महामंडलेश्वर प्रखर जी महाराज ने इस दौरान भक्तों को महायज्ञ की विशेषताएं बताईं। उन्होंने बताया कि महायज्ञ के दौरान लक्ष्मी देवी सभी भक्तों के साथ रहीं। अब पूर्णाहुति के बाद वे बैकुंठ वापस लौट गई हैं। उन्होंने गंगा में प्रदूषण न फैलाने की अपील की। शाम को जेसीबी बुलवाकर गंगा नदी के पावन तट के पास ही महालक्ष्मी जी की प्रतिमा का भूविसर्जन किया गया। इससे पहले यज्ञशाला के देवताओं, नवगृहों, पितृों, त्रिपुर सुंदरी का भी विसर्जन किया गया। अलीगढ़ से आए डॉ. बृजेश शास्त्री ने बताया कि रविवार को कार्यक्रम के मुख्य यजमान विश्वनाथ कनोडिया और नरेंद्र शर्मा रहे। इसके अलावा हरिद्वार, मथुरा, आगरा आदि तमाम स्थानों से भक्तों ने हिस्सा लिया।