राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को दी जाएगी खादी के कुर्ता-सदरी की भेंट, समूह महिलाएं कर रहीं तैयार
प्रधानमंत्री के क्वाड सम्मेलन में पहने कपड़ों जैसी ही डिजाइन होगी। जिसे गांव स्थित मिलन केंद्र में समूह की महिलाएं तैयार कर रही हैं। इसके जरिए आत्मनिर्भरता का संदेश दिया जाएगा। यहीं नहीं कई और उत्पाद भी बनाए जा रहे हैं।
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द तीन जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपने पैतृक गांव परौंख आ रहे हैं। जिले के लिए यह पहली बार होगा जब दोनों साथ होंगे। इसे यादगार बनाने के लिए समूह की महिलाएं उनके लिए खादी के कपड़े से कुर्ता, पायजामा व सदरी तैयार कर रहीं हैं, जो उन्हें भेंट में दिए जाएंगे। वहीं, बेसन की बर्फी समेत अन्य उत्पाद भी समूह बना रहे हैं।
परौंख स्थित मिलन केंद्र कभी राष्ट्रपति का घर हुआ करता था। उन्होंने इसे गांव को दान कर दिया। यहीं उनके लिए दी जाने वाली भेंट तैयार की जा रही है। इसके जरिये उन्हें महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने का भी संदेश दिया जाएगा। प्रशासन ने तय किया कि किसी कारीगर की बजाय समूह की महिलाओं से यह भेंट तैयार कराई जाए। पंडित बाबा समूह की अध्यक्ष दुर्गा देवी, कोषाध्यक्ष कुसुमा देवी, गुड्डन देवी, पिंकी देवी, मीनू, साईंबाबा समूह की अध्यक्ष वर्षा, कोषाध्यक्ष बिट्टन देवी को इसका जिम्मा दिया गया है। खादी ग्रामोद्योग भंडार से खादी का कपड़ा मंगाया गया। प्रधानमंत्री के लिए मजबूत धागे की सिलाई व पेस्टिंग बकरम वाला चूड़ीदार पायजामा, कुर्ता व उनके स्टाइल की सदरी बनाई जा रही। इसके लिए प्रधानमंत्री के पहनावे का महिलाओं ने बारीकी से अध्ययन भी किया है। उनके क्वाड सम्मेलन में हाल में ही पहने कपड़े की डिजाइन चुनी गई है।
वहीं, राष्ट्रपति के लिए पायजामा साधारण स्टाइल का होगा। महिलाओं के मुताबिक, वह लोग पहले ब्लाउज व सिलाई का साधारण काम जानते थे। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया गया। अब राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री उनके बनाए कुर्ता-सदरी पहनेंगे, जिसे लेकर गर्व महसूस कर रहीं हैं। डीएम नेहा जैन व सीडीओ सौम्या पांडेय ने बताया, समूह अच्छा काम कर रहे। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की भी यही मंशा है कि महिलाएं समाज में आगे बढ़ें। इसीलिए यह मौका उन्हें दिया गया है।