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इंस्टैंट नूडल की तरह पैकेट खोलकर पानी में डालो, दो मिनट में सब्जी तैयार

यह संभव होगा चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्र्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) की ओर से लगने जा रही खाद्य प्रसंस्करण की नई यूनिट से।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 08:42 AM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 07:28 AM (IST)
इंस्टैंट नूडल की तरह पैकेट खोलकर पानी में डालो, दो मिनट में सब्जी तैयार
इंस्टैंट नूडल की तरह पैकेट खोलकर पानी में डालो, दो मिनट में सब्जी तैयार

कानपुर [शशांक शेखर भारद्वाज]। रेडीमेड सब्जी जल्द ही बाजार से कदमताल करती नजर आएगी। नूडल्स की तरह इसे भी पकने में सिर्फ दो मिनट का ही वक्त लगेगा। बस पैकेट में पहले से तैयार सब्जी को पानी में डालकर उबालना होगा और फिर मसाला मिलाना होगा। यह संभव होगा चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्र्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) की ओर से लगने जा रही खाद्य प्रसंस्करण की नई यूनिट से। इसके लिए ताइवान के वल्र्ड वेजिटेबल सेंटर से करार हुआ है। वहां से विशेषज्ञ आकर यूनिट को स्थापित करने में मदद करेंगे और बेहतरीन उत्पाद के तरीके बताएंगे। 

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देश भर में लगेंगी यूनिटें

केंद्र सरकार और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भी इस मुहिम में हाथ बंटाएंगे। देश के अन्य प्रदेशों में इसी तरह की यूनिटें स्थापित की जाएंगी। उत्तर प्रदेश में रेडीमेड सब्जी तैयार होगी तो कर्नाटक, पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र में अन्य खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें लगेंगी। मसलन आचार, मुरब्बा आदि।

स्वाद बदलने को होगा शोध

ताइवान से तकनीक तो मिल जाएगी लेकिन, स्वाद में भिन्नता लाने के लिए लगातार शोध कार्य होगा। इसमें मौसमी सब्जियों पर मुख्य फोकस रहेगा। इसके अलावा अंकुरित दाल, चना, सरसों, मिक्स वेज, आलू बड़ी, मसाला भिंडी, परवल फ्राई, सोयाबीन, आलू मटर आदि को लजीज और अलग तरह से तैयार करने की कवायद होगी। शोध की जिम्मेदारी गृह विज्ञान की प्रो. रश्मि सिंह और सीमा सोनकर को दी गई है।

 

किसानों की आय बढ़ेगी

किसानों से सीधे ही सब्जी की खरीद की जाएगी। ऐसे में जैसे-जैसे उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा उसी हिसाब से किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।

कोल्ड ड्रिंक निर्माता कंपनी करेगी ब्रांडिंग

रेडीमेड सब्जियों की ब्रांडिंग के लिए एक प्रसिद्ध कोल्ड ड्रिंक निर्माण कंपनी से करार किए जाने की तैयारी है। निदेशक शोध, प्रो. एचजी प्रकाश ने बताया कि इस फार्मूले को पेटेंट कराया जाएगा। सब्जियों के निर्माण की जिम्मेदारी भी किसी बड़ी कंपनी को दी जाएगी।

 

'किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम किया जा रहा है। कई प्रोजेक्ट और शोध कार्य चल रहे हैं। ताइवान की तकनीक काफी कारगर साबित होगी।

- प्रो. सुशील सोलोमन, कुलपति 


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