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प्रभु राम के सहारे सत्ता हासिल करने वाले राम मंदिर को ही भूले : तोगड़िया

अकबरपुर की सभा में राम मंदिर निर्माण के लिए 21 अक्टूबर को अयोध्या कूच का एलान

By Edited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 10:33 AM (IST)
प्रभु राम के सहारे सत्ता हासिल करने वाले राम मंदिर को ही भूले : तोगड़िया
प्रभु राम के सहारे सत्ता हासिल करने वाले राम मंदिर को ही भूले : तोगड़िया
जेएनएन, कानपुर : मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के सहारे सत्ता हासिल करने वाले अब उनके मंदिर निर्माण की ही बात भूल गए हैं। बहुमत में आने के बाद कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण करने की शपथ लेने वाले भाजपाई पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद प्रभु राम को ही भूल गए। जनता से किए गए वायदे के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर बनना ही चाहिए। तीन तलाक पर कानून बन सकता है तो राम मंदिर के लिए क्यों नहीं, ये हिंदुओं के साथ विश्वासघात है। सरकार को जगाने के लिए 21 अक्टूबर को लखनऊ से अयोध्या कूच किया जाएगा। ये बातें अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहीं। अकबरपुर के जनकपुरी मैदान में शुक्रवार को आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार को भूलने की गंभीर बीमारी लग गई है। किसानों को भूल गए हैं, नौजवान और सीमा पर तैनात जवानों को  भी भूल गए हैं। यहा तक कि राम मंदिर निर्माण के वादे को भी भूल बैठे हैं, सिर्फ तीन तलाक याद रह गया है। राम मंदिर आदोलन को लेकर कभी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का झडा बुलंद करने वाले डॉ. तोगड़िया एक बार फिर अपने संगठन अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद से आदोलन की राह पर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी कभी अयोध्या नहीं आए। प्रवीण तोगड़िया यहीं नहीं रुके, कहा कि चार साल में केंद्र सरकार ने राम मंदिर पर कोई चर्चा तक नहीं की। करोड़ों हिंदुओं के वोट से बहुमत में आई बीजेपी ने एक बार भी राम मंदिर का मुद्दा सदन में नहीं उठाया। भाजपा को करोड़ों हिंदुओं ने वोट किया लेकिन बहुमत मिलते ही वह मुस्लिम महिलाओं की हितैषी बन गई और तीन तलाक पर कानून बना रही है। कहा कि पूर्ण बहुमत पाने के बाद कोर्ट के आदेश का इंतजार होने लगा। अगर राम मंदिर कोर्ट के आदेश से ही बनना था तो राम मंदिर आदोलन की क्या जरूरत थी। यदि कोर्ट से ही फैसला होना था तो सुप्रीमकोर्ट से रथयात्रा निकालनी थी सोमनाथ मंदिर से नहीं। चार साल का वक्त गुजर गया पर अशोक सिंघल, महंत अवेद्यनाथ व रामचंद्र परमहंस का राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा नहीं हुआ। इनका सोचना था कि जब केंद्र में रामभक्तों की सरकार होगी तो उनका मंदिर अवश्य बनेगा लेकिन मौजूदा सरकार के मुखिया उनको सत्ता तक पहुंचाने वाले किसानों, युवाओं को भूल गए। कार्यकर्ता व विचारधारा के सम्मान की जगह अब दूसरे दलों से आए रीता बहुगुणा जैसे लोगों का सम्मान हो रहा है। उन्होने कहा कि राम मंदिर निर्माण, हिंदुओं की समृद्धि, कर्जमुक्त किसान व कार्यकर्ता व विचारधारा के सम्मान की लड़ाई के लिए दशहरा के दो दिन बाद 21 अकटूबर को लखनऊ से अयोध्या के लिए कूच करेंगे। इसके लिए उन्होने वहा मौजूद लोगों से हाथ उठवाकर भागीदारी का आह्वान किया। इसके पूर्व प्रातीय गौरक्षा प्रमुख अतुल दुबे व गौरियापुर आश्रम के महंत देवनारायण दास जी महाराज ने भी विचार रखे।

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