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हम सिलिंडर ढोते रहे और पिता जी चल बसे... यूपी के अखिलेश ने दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था पर बयां किया अपना दर्द

Deaths Due to COVID-19 In UP इटावा में कोविड अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि अस्पताल के अंदर गंदगी का साम्राज्य है। मरीज को छूने के लिए कोई स्टाफ तैयार नहीं है। तीमारदार ही अपने स्टाफ की सेवा कर रहे हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Fri, 30 Apr 2021 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 30 Apr 2021 10:52 PM (IST)
हम सिलिंडर ढोते रहे और पिता जी चल बसे... यूपी के अखिलेश ने दम तोड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था पर बयां किया अपना दर्द
पिता की मौत के बारे में अपना दर्द साझा करते हुए अखिलेश।

इटावा, जेएनएन। Deaths Due to COVID-19 In UP स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला अस्पताल में स्थापित किए गए 100 शैय्या एमसीएच विंग कोविड अस्पताल में मरीजों की दुश्वारियां खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। शुक्रवार को भी मरीज दिन भर परेशान रहे। दोपहर दो बजे तक पांच लोगों की मौत हो चुकी थी। चकरनगर क्षेत्र के थाना सहसों के ग्राम सिरसा निवासी किसान अखिलेश कुमार अपने पिता भगवान सिंह उम्र 60 वर्ष की मौत पर रो पड़े। उनका कहना है था कि वे 27 अप्रैल की शाम को अस्पताल में आए थे। यहां पर कोई इलाज नहीं हो रहा है। मरीजों का हाल पूछने वाला कोई नहीं है। केवल बेड पर लिटा कर छोड़ दिया जाता है और ऑक्सीजन की अगर जरूरत होती है तो खुद लाने के लिए कहा जाता है। वे भी दो दिन यही करते रहे और शुक्रवार की सुबह उनके पिता की मौत हो गई।

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अखिलेश कुमार यहीं नहीं रुके उनका कहना था कि पिछले डेढ़ घंटे से पिता की मौत के बाद वे सरकारी एंबुलेंस की मांग कर रहे थे लेकिन सरकारी एंबुलेंस भी उन्हें नहीं मिली। मजबूरी में उन्होंने प्राइवेट एंबुलेंस 3500 रुपये में ग्राम सिरसा के लिए बुक की और अपने पिता के शव को लेकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिता के इलाज को लेकर अस्पताल में जो सपने लेकर आए थे वे उनके टूट गए।

अस्पताल में फैला है गंदगी का साम्राज्य: कोविड अस्पताल के बाहर खड़े मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि अस्पताल के अंदर गंदगी का साम्राज्य है। सारे काम खुद करने पड़ते हैं। मरीज को छूने के लिए कोई स्टाफ तैयार नहीं है। तीमारदार ही अपने स्टाफ की सेवा कर रहे हैं। कोविड प्रोटोकाल के अनुसार तीमारदारों को मरीज से दूर रहना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। मरीज की मौत हो जाने पर एंबुलेंस में बैठकर जा रहे हैं या फिर रेफर होने की स्थिति में उनके साथ जा रहे हैं। दो दिन पूर्व बिजली न होने पर यहां मरीजों का बुरा हाल रहा था। पंखे नहीं चल रहे हैं इसलिए तीमारदार अपने घर से पंखा लेकर खुद आते हैं।

व्यवस्थाओं को सुधारा जाएगा: सीएमओ डॉ. एनएस तोमर ने बताया कि कोविड अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारा जा रहा है। तीन शिफ्टों में 24 स्टाफ की ड्यूटी एक फ्लोर पर लगाई गई है। तीनों फ्लोर पर ड्यूटियां लगाई गई हैं। छह दिन बाद ड्यूटी का रोस्टर बदल जाएगा। जो लोग गड़बड़ी कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। अगर समय से नहीं आएंगे और अपने कार्य को सही से नहीं करेंगे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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