हवा में अभियान, एसी दफ्तरों में अफसर
पॉलीथिन के खिलाफ गर्मजोशी से शुरू हुई मुहिम को शायद गर्मी ने ठंडा कर रखा है। मुख्यमंत्री के आदेश के प्रति अधिकारी कितने बेपरवाह हैं, यह इसकी भी बानगी है। पॉलीथिन पर प्रतिबंध की घोषणा कर निगरानी को टीम तो बना दी गई, लेकिन कार्रवाई के लिए एक दिन भी टीम शहर में नहीं निकली। बाजारों में खुलेआम पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : पॉलीथिन के खिलाफ गर्मजोशी से शुरू हुई मुहिम को शायद गर्मी ने ठंडा कर रखा है। मुख्यमंत्री के आदेश के प्रति अधिकारी कितने बेपरवाह हैं, यह इसकी भी बानगी है। पॉलीथिन पर प्रतिबंध की घोषणा कर निगरानी को टीम तो बना दी गई, लेकिन कार्रवाई के लिए एक दिन भी टीम शहर में नहीं निकली। बाजारों में खुलेआम पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस पर शहर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'प्लास्टिक मुक्त नदियां' अभियान की शुरुआत कानपुर से ही की थी। उन्होंने प्लास्टिक और पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की अपील की थी। उस पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने जिले में पॉलीथिन पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी। इतना ही नहीं, गंभीरता दिखाते हुए विभिन्न विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को शामिल करते हुए एक निगरानी समिति भी बना दी। कहा गया कि यह टीम सुनिश्चित करेगी कि शहर में पॉलीथिन का इस्तेमाल न हो। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। बस, कवायद इतने पर ही आकर ही ठहर गई। बारह दिन बीत चुके हैं, लेकिन एक बार भी कोई टीम या एक भी अधिकारी निगरानी या कार्रवाई करते कहीं नजर नहीं आया है। सरकारी मशीनरी की फितरत से वाकिफ दुकानदार पूरी तरह बेफिक्र हैं। शहर के किसी भी बाजार में चले जाएं, वहां धड़ल्ले से पॉलीथिन में सामान बिकता नजर आ जाएगा। इन विभागों को करनी है कार्रवाई
सभी एसीएम, एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों को छापेमारी करनी है। कोई अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है।
---
गंगा किनारे भी न दिखाई गंभीरता
अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि नदियों में प्लास्टिक-पॉलीथिन न जा पाए। मगर, इस पर भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। परमट मंदिर, सरसैया घाट सहित मंदिर वाले सभी घाटों पर स्थित दुकानों पर खुलेआम पॉलीथिन का इस्तेमाल अब भी हो रहा है। वहां भी कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।
---
पहले भी लापरवाही की भेंट चढ़ा अभियान
इससे पहले 2015 में भी पॉलीथिन पर प्रतिबंध को लेकर माहौल गर्माया था। शहर में पॉलीथिन पर प्रतिबंध की घोषणा कर दी गई। कुछ दिन तो नगर निगम ने छापे मार कर कार्रवाई की, लेकिन फिर जोश ठंडा पड़ता गया। अब फिर घोषणा हुई है, लेकिन अधिकारियों का रुख आशंका खड़ी कर रहा है कि इस बार भी अभियान का पहले जैसा हश्र न हो जाए। ''
फिलहाल जनजागरुकता अभियान चलाने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। जल्द छापेमारी भी की जाएगी।- सतीश पाल, एडीएम सिटी