आतिशबाजी से हुआ 'फिजा' का रंग 'काला', बिगड़ गई शहर की आब-ओ-हवा Kanpur News
वातावरण में हानिकारक गैसों के कारण बच्चों और बुजुर्गों का सांस लेना मुश्किल हुआ।
कानपुर, जेएनएन। हल्की ठंड के बीच आतिशबाजी और पटाखों ने 'फिजा' का रंग 'काला' कर दिया। हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा मानक से कई गुणा अधिक हो गई। शाम सात बजे के बाद से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) ऐसा बिगड़ा कि लगातार खराब होता चला गया। रात 11 बजे के बाद वायुमंडल में दूषित गैसों की धुंध सी छा गई। सड़कों पर गुबार सा नजर आने लगा। कानपुर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत प्रमुख सड़कों पर लगे प्रदूषण मापक यंत्रों ने हवा की खतरनाक स्थिति बयां की।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का नेहरू नगर स्थित मॉनिटङ्क्षरग स्टेशन से डाटा जारी नहीं किया गया। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि तकनीकी खराबी आ गई है। एक दो दिन में रिपोर्टिंग शुरू हो जाएगी। दीपावली के दिन रविवार को पूजा, अर्चना के बाद पटाखे फोड़े गए और आतिशबाजी हुई। हवा को सबसे अधिक दूषित ऊंचाई पर जाकर फूटने वाली आतिशबाजी ने किया। पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 और पीएम 10), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड का घनत्व काफी बढ़ गया।
वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति
चौराहे/तिराहे एक्यूआइ
- पॉलीटेक्निक चौराहा 329
- स्टील प्लांट तिराहा 326
- संगीत टॉकिज तिराहा 337
- भैरो घाट चौराहा 232
- पुरानी चुंगी जाजमऊ 449
- रामगोपाल चौराहा 232
- गंगा ब्रिज 318
- बर्रा चौराहा 306
- श्याम नगर चौराहा 325
- घंटाघर चौराहा 280