अब पुलिस करेगी पड़ताल कि कहीं शहर से लापता बच्चे भी तो नहीं हुए भिखारी गैंग के शिकार
भोपाल में कानपुर के बच्चों से भीख मंगवाने की जानकारी पर हरकत में आया प्रशासन शहर में बीते छह साल से 255 बच्चों का पुलिस नहीं लगा सकी सुराग।
कानपुर, जेएनएन। दे दे माई, पांच रुपये दे दे... भूखा हूं कहकर, गोद में बच्चा लिए खाने, तो कभी इलाज के नाम पर भीख मांगते बुजुर्ग या विकलांग दिनभर सड़कों, चौराहों, गलियों में मिल जाएंगे। शहर के धार्मिक स्थलों के पास इनकी संख्या कुछ ज्यादा ही दिखती है। इनमें से कोई घर से लापता या भिखारी गैंग का शिकार तो नहीं है, इसकी जानकारी के लिए पुलिस-प्रशासन ने खुफिया व स्थानीय पुलिस को सक्रिय कर दिया है।
भोपाल में भिखारी गैंग पकड़े जाने के बाद जागे पुलिस-प्रशासन ने शहर से पिछले छह साल में लापता हुए 255 बच्चे (134 बालक व 121 बालिकाएं) और 691 वयस्क (415 पुरुष व 276 महिलाएं) की फिर तलाश करने के निर्देश जारी किए हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर में 2013 से 2018 तक 946 लोग लापता हैं। भोपाल में मंगलवार को पकड़े गए लोगों में कानपुर शहर के दर्जन भर से ज्यादा लोग बताए जा रहे है। इनसे भिखारी गैंग वहां भीख मंगवा रहा था।
वर्ष बालक बालिकाएं पुरुष महिला
2013 18 19 13 07
2014 12 11 88 53
2015 32 15 22 06
2016 24 25 143 75
2017 25 22 74 74
2018 23 29 75 61
(यह आंकड़े पुलिस विभाग से आरटीआइ के जरिये मिले हैं)
पनप रही अपराध की पौध
शहर के बाहरी इलाकों में दिन के उजाले में नट-कंजड़ व घुमंतू गिरोह खेल-तमाशे दिखाकर भीख मांगने के बहाने रेकी करते हैं। वहीं चौराहों पर पानी-गुटखा व भीख मांगने के नाम पर कारों का सीसा तोड़कर चोरी करने वाले और जेबकतरे बन रहे हैं। इसके अलावा महिलाएं व बच्चे शादी समारोह में जेवरात भरे बैग पार कर रहे है।
इनका ये है कहना
शहर के साथ कानपुर रेंज के लापता हुए बच्चों व वयस्कों का ब्योरा एक बार फिर से रिव्यू कराया जाएगा। साथ ही लापता लोगों की खोजबीन के लिए पूरे रेंज में अभियान चलाया जाएगा।
-आलोक सिंह, आइजी
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