Kanpur में नकली नोट छापने वाले आरोपितों की पुलिस खंगालेगी CDR, दिवाली में जमकर पैसे छापने की थी प्लानिंग
कानपुर में नकली नोट छापने मामले में पुलिस अब आरोपितों की कॉल डिटेल रिपोर्ट (CDR) खंगालेगी। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए नकली नोटों में हाई सिक्योरिटी फीचर नहीं मिले हैं और एनआइए एक्ट के तहत प्रदेश सरकार को जानकारी भेजी गई है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के बर्रा-आठ में किराये पर कमरा लेकर नकली नोट छापने के मामले में पुलिस अब आरोपितों की सीडीआर (काल डिटेल रिपोर्ट) निकाल रही है। सीडीआर मिलने से कई अहम राज सामने आ सकते हैं। इसके साथ ही फरार आरोपितों की धर-पकड़ के लिए दबिश दी जा रही है। वहीं, पकड़े गए नोटों में हाई सिक्योरिटी फीचर न मिलने से मामला गंभीर नहीं बताया जा रहा है। फिर भी पुलिस ने एहतियातन एनआइए एक्ट में दर्ज प्रावधानों के तहत प्रदेश सरकार को सूचना दी है।
बीते शनिवार को कोतवाली पुलिस ने 100 रुपये के नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। मामले में एक नाबालिग समेत बर्रा- आठ वरुण विहार निवासी विभू को गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही दो आरोपित कानपुर देहात के भोगनीपुर थानाक्षेत्र के पनियनमऊ निवासी अर्पित सचान व फतेहपुर के औंग थानाक्षेत्र के मयाराम का खेड़ा निवासी अंशू सिंह फरार हैं।
आरोपित नाबालिग आनलाइन गेम में रुपये हारने के बाद अर्पित और अंशू से मिला था, जिसके बाद सबने रुपये छापने का फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। कानपुर के बर्रा-आठ में किराये का कमरा लेकर प्रिंटर लगाया और 100 रुपये का नकली नोट छापने लगे। जांच में करीब 10 लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। मामले में एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि आरोपित 100 रुपये के नोट की कलर फोटोकापी निकाल रहे थे। इसके लिए उन्होंने जेके एक्सल बांड का कागज आनलाइन जाकर खरीदा था। सामान्य कागज पर नोट छापे जा रहे थे। एक कागज पर पांच नोट छपते थे।
नोट में हाई स्क्योरिटी फीचर नहीं मिले
भारतीय नोट में कई तरह से हाई सिक्युरिटी फीचर होते हैं। धागा, रंग बदलने वाली स्याही, नेत्रहीनों के लिए ब्लीड लाइनें आदि सभी सिक्युरिटी फीचर माने जाते हैं। जब भी कोई नकली नोट मिलता है तो सबसे पहले ये देखा जाता है कि कितने सिक्योरिटी फीचरों की नकल की गई है। अगर एक भी हाई सिक्युरिटी फीचर की नकल मिलती है तो एनआइए एक्ट में दर्ज प्रावधानों के तहत उसकी सूचना प्रदेश सरकार को दी जाती है। इसके बाद मामले की जांच एनआइए करती है।
हालांकि, बर्रा-आठ में पकड़े गए मामलों में ऐसे कोई सिक्योरिटी फीचर नहीं मिले हैं। इंस्पेक्टर रामबाबू सिंह बताते हैं कि ये सिर्फ प्रिंटर से की गई फोटोकापी हैं। लेकिन, एहियातन तौर पर प्रदेश सरकार को सूचना दी गई है और महाराष्ट्र में नोटों को जांच के लिए भी भेजा गया है।