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कन्नौज बस हादसा : विमल चतुर्वेदी बस सर्विस की बसों की तलाश, सभी काउंटर बंद, होर्डिंग-बोर्ड हटाए

पुलिस ने बस संचालक दंपती की तलाश शुरू की है और रिश्तेदारों को हिरासत में लिया है।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 12 Jan 2020 12:32 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 12:32 PM (IST)
कन्नौज बस हादसा : विमल चतुर्वेदी बस सर्विस की बसों की तलाश, सभी काउंटर बंद, होर्डिंग-बोर्ड हटाए

फर्रुखाबाद, जेएनएन। शुक्रवार रात कन्नौज में बस हादसे के बाद बस संचालक विमल चतुर्वेदी फरार है। पुलिस अब विमल बस सर्विस की सभी बसों की तलाश कर रही है और कई बसें कब्जे में ले चुकी है। हादसे के बाद से ही ट्रैवल एजेंसी के सभी काउंटर बंद करने के साथ होर्डिंग-बोर्ड भी हटा दिए गए हैं।

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सवारियों की बुकिंग के लिए खुले थे कई काउंटर

फर्रुखाबाद से दिल्ली और जयपुर के बीच में 25 से 30 बसें विमल चतुर्वेदी की संचालित हो रही हैं। दिल्ली और जयपुर की सवारियों की बुकिंग के लिए फर्रुखाबाद में रोडवेज बस स्टैंड, कादरी गेट, राजेपुर, मोहम्मदाबाद, कायमगंज, कमालगंज, जहानगंज के अलावा कन्नौज जिले के गुरसहायगंज और छिबरामऊ में बुकिंग काउंटर से की जाती थी। यहां से सवारियों को बसों से भेजा जाता था। कन्नौज में हादसा होने के बाद बस एजेंसी से सभी काउंटर बंद हो गए और होर्डिंग व बोर्ड तक हटा दिए गए हैं।

बस संचालक दंपती की तलाश, हिरासत में रिश्तेदार

शासन के निर्देश पर पुलिस ने बस संचालक विमल चतुर्वेदी और पत्नी प्रीति चतुर्वेदी की तलाश शुरू की लेकिन सुराग नहीं लगा है। पुलिस ने कुछ रिश्तेदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू करने के साथ बसों को पकडऩा शुरू किया। पुलिस से बचने के लिए बसों को मैरिज लॉन, कोल्ड स्टोरेज, इंडस्ट्रियल एरिया के गोदामों में छिपाकर खड़ी करा दी गईं। जानकारी के बाद पुलिस ने दबिश देकर कुछ बसों को कब्जे में लेकर आईटीआई पुलिस चौकी में खड़ा कराया है।

जून 2018 में  भी हुआ था हादसा

फर्रुखाबाद और कन्नौज से दिल्ली व जयपुर के बीच संचालित विमल चतुर्वेदी बस सर्विस की बस 13 जून 2018 को मैनपुरी में हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें बस सवार 17 लोगों की मौके पर ही और एक की अस्पताल में मौत हो गई थी। करीब 30 से अधिक लोग लहूलुहान हो गए थे। मामला सुर्खियों में आया लेकिन कुछ ही दिन बाद लीपापोती कर दी गई। जो बस हादसे का शिकार हुई थी वह ब्लैक लिस्टेड थी, लेकिन परिवहन और पुलिस विभाग के रहम ओ करम पर यह सवारियां ढो रही थी।

दो गुनी सवारियां भरकर चलते डग्गामार

सामान्य रूप से इन बसों में ड्राइवर व कंडक्टर समेत कुल 54 लोग ही यात्रा कर सकते हैं, लेकिन डग्गामार माफिया ने मोटर वाहन अधिनियम को ताक पर रखकर अवैध रूप से इन बसों को स्लीपर कोच बना लिया है। त्योहारों पर सवारियां अधिक होने पर माफिया के गुर्गे यात्रियों को बस की गैलरी में लकड़ी की बेंच डालकर भी बैठा लेते हैं।


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