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Kanpur News: पारस गुप्ता जांच में शिथिलता पर एसआइटी को पुलिस आयुक्त की फटकार, बदला जाएगा विवेचक

कानपुर के कारोबारी पारस गुप्ता की हत्या के मामले में एसआइटी लापरवाही बरत रही है। शिथिलता पर पुलिस आयुक्त ने फटकार लगाई है। स्वतंत्रता दिवस के बाद अब विवचेक बदला जायेगा। पुलिस आयुक्त के सवालों के सटीक जवाब नहीं दे सके।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 10:51 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 10:51 PM (IST)
पुलिस आयुक्त के सवालों के सटीक जवाब नहीं दे सके।

कानपुर, जागरण संवाददाता। हरबंश मोहाल में सुपाड़ी कारोबारी पारस गुप्ता की हत्या को लेकर गठित एसआइटी के जांच में शिथिलता बरतने पर पुलिस आयुक्त ने कड़ी फटकार लगाई है। मामले में लापरवाही से जांच करने पर स्वतंत्रता दिवस के बाद विवेचक बदला जायेगा। पुलिस आयुक्त ने जब प्रकरण में विवेचक से पूछताछ की तो वह उनके सवालों के समुचित जवाब भी नहीं दे सके। 

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सुपाड़ी कारोबारी पारस गुप्ता की हत्या के मामले में पहले हरबंश मोहाल पुलिस और अब डीसीपी पूर्वी द्वारा गठित की गई एसआइटी की लापरवाही बरती जा रही है। मामले में एसआइटी द्वारा शिथिलता से जांच करने को लेकर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने गठित एसआइटी को जमकर फटकार लगाई। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि विवेचक ने प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया है 16 अगस्त को दोबारा से घटना की समीक्षा कर विवेचक को बदला जायेगा। 

ये था मामला 

25 मई को सुपाड़ी कारोबारी पारस गुप्ता लापता हो गए थे अगले दिन देर रात मुरे कंपनी पुल के नीचे रेलवे ट्रैक किनारे उनका शव मिला था। जिसके बाद स्वजन की तहरीर पर कारोबारी अमित गुप्ता समेत अज्ञात पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले को लेकर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने पैरवी की साथ ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना तक से शिकायत की गयी थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद डीसीपी ईस्ट ने जांच और विवेचना के लिए एसआईटी का गठन किया था।

पुलिस आयुक्त के सवालों के जवाब नहीं दे सके विवेचक

पारस गुप्ता हत्याकांड मामला लगातार सुर्खियों में आने पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने एसआइटी को केस की समीक्षा के लिए बुलाया। उन्होंने मुख्य विवेचक इंस्पेक्टर हरबंशमोहाल अरुण कुमार सिंह से सवाल जवाब किये। जिसमें पारस और अमित गुप्ता की सीडीआर में क्या निकला, घटना के कारण क्या निकले। घटना के समय आरोपित कहां था और क्या कर रहा था वह रेलवे ट्रैक तक कैसे पहुंचा आदि कई सवाल पूछे तो मामले में मुख्य विवेचक किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सके और बगले झांकने लगे।


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