Move to Jagran APP

Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड से अब दिल्ली दूर नहीं, पीएम मोदी जुलाई में करेंगे 296 KM लंबे एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ

Bundelkhand Expressway बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसकी कार्ययोजना 27 माह की थी लेकिन यह 16 माह में ही बन जाएगा। जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जालौन के कैथेरी गांव से इसका शुभारंभ कर सकते हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:06 AM (IST)
Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड से अब दिल्ली दूर नहीं, पीएम मोदी जुलाई में करेंगे 296 KM लंबे एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ
Bundelkhand Expressway: विकास और रोजगार के एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने को तैयार बुंदेलखंड

कानपुर, जेएनएन। बुंदेलखंड से अब दिल्ली दूर नहीं है। चित्रकूट के गोंड़ा गांव के पास झांसी-मीरजापुर हाईवे से शुरू होकर इटावा के कुदरैल में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे से जुड़ने वाला 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे लगभग बनकर तैयार है। इसके जरिये चित्रकूट से दिल्ली छह से सात घंटे में पहुंचा जा सकेगा।

loksabha election banner

जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जालौन के कैथेरी गांव से इसका शुभारंभ कर सकते हैं। यूपीडा के अफसरों का दावा है कि इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण सबसे कम समय 16 माह में हुआ है। जबकि पूरी कार्ययोजना 27 माह की थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 फरवरी, 2020 को चित्रकूट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की नींव रखी थी। नदियों पर बने पुल, जिलों की मुख्य सड़कों को जोड़ने वाले कट, लंबी-चौड़ी सड़क देखकर लगता है कि नए बुंदेलखंड की परिकल्पना साकार हो रही है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा, लेकिन फिलहाल पक्की सड़क सिर्फ चार लेन की होगी। इसकी कुल चौड़ाई 110 मीटर है। दो लेन बाद में विस्तारित की जा सकती हैं। एक्सप्रेस-वे का काम 20 जून तक 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है।

ऐसे नजदीक होगी दिल्ली : चित्रकूट से पहले कानपुर और वहां से इटावा, आगरा होते हुए दिल्ली जाते थे। यह दूरी लगभग 700 किलोमीटर थी। सफर में 12 से 14 घंटे का समय लगता था। अब बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से सफर में यह दूरी करीब 626 किलोमीटर ही रहेगी, लेकिन सीधा रास्ता होने से समय कम लगेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर सफर शुरू होने के बाद आगरा से चित्रकूट की दूरी 436 किलोमीटर ही रहेगी। आगरा घूमने आने वाले पर्यटक अब आसानी से चित्रकूट पहुंच सकेंगे।

खुलेंगे विकास के द्वार : बुदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर सफर शुरू होते ही किसानों को अपने उत्पादों को कम समय में एक से दूसरी जगह पहुंचाने में आसानी होगी। भविष्य में एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर विकसित होने वाले औद्योगिक कारिडोर, पर्यटकों की आवाजाही से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। दिल्ली समेत बड़े महानगरों से सड़क मार्ग से थोक माल लाने में रास्ते की समस्या कम होगी। जालौन के 64, औरैया के 37, हमीरपुर के 29, बांदा के 28, चित्रकूट के नौ, महोबा के आठ और इटावा के सात गांव एक्सप्रेस-वे किनारे होने से सीधा लाभ पाएंगे।

कम समय में बनने वाला पहला एक्सप्रेस-वे : यूपीडा के अधिशाषी अभयंता चंद्रभूषण ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसकी कार्ययोजना 27 माह की थी लेकिन यह 16 माह में ही बन जाएगा। यह इतने कम समय में बनने वाला पहला एक्सप्रेस-वे है। बांदा के जिलाधिकारी अनुराग पटेल बताते हैं कि जुलाई के दूसरे सप्ताह में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर लोग फर्राटा भरने लगेंगे। लोकार्पण की तैयारी की जा रही है। एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड की तरक्की के नए द्वार खोलेगा और विकास रफ्तार भरेगा।

एक्सप्रेस-वे के खास बिंदु

  • 14849.09 करोड़ रुपये है कुल लागत।
  • 6 पेट्रोल पंप एक्सप्रेस-वे पर खुलेंगे।
  • 8 आठ नदियों केन, बेतवा, बागै, श्यामा, चंद्रावल, बिरमा, यमुना और सेंगुर के ऊपर से गुजरेगा।

ये होंगी सुविधाएं

  • सात जिलों से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे पर चार पेट्रोल पंप खोले जाने की योजना है। इनके बीच की दूरी 70 किलोमीटर होगी।
  • पेट्रोल पंपों के पास ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे। यहीं पर फूड प्लाजा और सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था होगी।

यह है खासियत

  • एक्सप्रेस-वे के किनारे मेटल क्रैश बैरियर लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अफसरों का दावा है कि ऐसे बैरियर अन्य एक्सप्रेस-वे में नही हैं।
  • दूसरी लेन पर सामने से आ रहे वाहनों की लाइट सीधे आंखों में न लगे इसके लिए डिवाइडर पर विशेष प्रकार के रिफलेक्टर लगाए गए हैं।
  • एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम गति सीमा 120 किलोमीटर प्रतिघंटा है, लेकिन इस पर 100 किलोमीटर की गति की ही अनुमति रहेगी।
  • एक्सप्रेस-वे पर चार रेलवे ओवरब्रिज, 11 बड़े पुल (दीर्घ सेतु), सात रैंप प्लाजा, 266 छोटे पुल (लघु सेतु) और 18 फ्लाईओवर बनाए गए हैं।
  • छह टोल प्लाजा बनेंगे, लेकिन किसी भी स्थान से प्रवेश करने पर एक बार ही टोल टैक्स देना होगा।
  • इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आइआरएफ) की मदद से एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को रोकने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.