कृषि बिल की तरह CAA-NRC को भी वापस ले सरकार, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में उठा मुद्दा
CAA-NRC should be repealed also अधिवेशन में कहा गया कि वर्तमान समय में अल्पसंख्यकों को कमजोर करने की कोशिशें भी चल रही है। ऐसे समय में संजीदा सोच की जरूरत होती है। अपनी कमजोरी को दूर करने शिक्षित होना बहुत महत्व रखता है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। CAA-NRC should be repealed also आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का दो दिवसीय अधिवेशन शनिवार से जाजमऊ स्थित डीटीसी में शुरू हो गया। अधिवेशन के प्रथम दिन इस्लाह-ए-मआशरा (समाज सुधार), आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होने, किसी भी मुद्दे पर जोश में होश न खोने पर जोर दिया गया। कहा गया कि किसी भी लड़ाई को जीतने के लिए मुस्लिमों को एकजुट होना पड़ेगा। रविवार को प्रमुख बिंदुओं पर प्रस्ताव पास किए जांएंगे। बोर्ड के खाली पदों पर चुनाव भी हो सकते हैं।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी, कार्यवाहक महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी सहित देशभर से पदाधिकारियों व सदस्यों ने शिरकत की। अधिवेशन में कहा गया कि वर्तमान समय में अल्पसंख्यकों को कमजोर करने की कोशिशें भी चल रही है। ऐसे समय में संजीदा सोच की जरूरत होती है। अपनी कमजोरी को दूर करने शिक्षित होना बहुत महत्व रखता है। किसी भी क्षेत्र में प्रगति के लिए संगठित होकर काम करना बहुत मायने रखती है। जब तक संगठित नहीं होंगे कोई न कोई रुकावट का सामना करना पड़ेगा।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद राबे हसनी नदवी ने कहा कि मुस्लिमों के बीच मतभेद, विरोध की हद तक पहुंचने से नुकसान पहुंच रहा है। अपनी मतभेद को विरोध का माध्यम न बनने दें। उन्होंने कहा कि अक्सर यह होता है कि किसी भी मुद्दे पर मुस्लिम जोश में होश खो बैठते हैं, इससे पहले भी कई मामले खराब हो चुके हैं और नाकामी हाथ लगी है। बहुत से मौके पर जो कोशिश खामोशी के साथ हो सकती है, घोषणा व जल्दबाजी की वजह से उनमें नुकसान उठाना पड़ता है। अधिवेशन में मौलाना महमूद मदनी, एआइएमआइएम के अध्यक्ष एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, महमूद प्राचा, आरिफ मसूद, मौलाना सज्जाद नोमानी, मौलाना महफूज उमरैन रहमानी मौजूद रहे।
सीएए, एनआरसी को वापस कराने के लिए आंदोलन की जरूरत : तीन साल बाद आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का दो दिवसीय अधिवेशन की शनिवार से जाजमऊ स्थित डीटीएस में शुरुआत हुई। दिल्ली से आए बोर्ड के सदस्य व वरिष्ठ वकील महमूद पराचा ने बोर्ड को पत्र भेजकर राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यकों के लिए कोरम बनाने और गंभीर मुद्दों पर फैसले लेने का प्रस्ताव दिया है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए वकील महमूद पराचा ने कहा कि वर्तमान समय में किसान आंदोलन की तरह सीएए, एनआरसी कानून वापस लेने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चलाने की जरूरत है।
संविधान को बचाने के लिए बोर्ड हरसंभव फैसला लेने में सक्षम है। बोर्ड में जो फैसले लिए जाएंगे, वो हर मुस्लिम की आवाज बनेगा। इस्लाम का सही चेहरा सबको समझाना होगा। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को एक होना चाहिए। वर्तमान समय में देश का संविधान खतरे में हैं। इसे बचाने की जरूरत है, जो मौजूदा सरकार तोडऩा चाहती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में आरएसएस के लोगों ने चीन से हाथ मिलाकर तब्लीगी जमात को कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। ऐसे में आल इंडिया पर्सनल ला बोर्ड की अहम जिम्मेदारी बनती है कि वो मुस्लिम वर्ग के हित के जरूरी मुद्दों पर ठोस फैसले ले।
कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार कर निकले औवैसी: आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य व एआइएमआइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी शनिवार दोपहर एक बजे के करीब गोपनीय तरीके से आयोजन स्थल पर पहुंचे। शाम चार बजे तक औवैसी अधिवेशन हाल में उपस्थित रहे। सत्र समाप्त होने के बाद वो आयोजन स्थल के बाहर कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार कर निकल गए।