बदहाली की कसक और बदलाव की कसम
सरकारी दफ्तरों के गलियारों से उपलब्धियों के ढोल कितनी ही आवाज में गूंज रहे हों लेकिन, उस पर शनिवार को बदहाली की कसक ज्यादा भारी पड़ी। मंथन सुधार के लिए था, इसलिए खामियों का जिक्र तो होना ही था। शहर के प्रबुद्धजन ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक को आईना दिखाने में कतई गुरेज नहीं किया। दो टूक सवाल था कि अगर काम हो रहा है तो शहर गंदा क्यों है? हां, यह बेहतर रहा कि मंथन सिर्फ कसक उठने और कोसने तक ही नहीं था, वहां कसम भी ली गई कि हम खुद सुधरने को तैयार हैं और शहर को भी सुधार कर ही मानेंगे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सरकारी दफ्तरों के गलियारों से उपलब्धियों के ढोल कितनी ही आवाज में गूंज रहे हों लेकिन, उस पर शनिवार को बदहाली की कसक ज्यादा भारी पड़ी। मंथन सुधार के लिए था, इसलिए खामियों का जिक्र तो होना ही था। शहर के प्रबुद्धजन ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक को आईना दिखाने में कतई गुरेज नहीं किया। दो टूक सवाल था कि अगर काम हो रहा है तो शहर गंदा क्यों है? हां, यह बेहतर रहा कि मंथन सिर्फ कसक उठने और कोसने तक ही नहीं था, वहां कसम भी ली गई कि हम खुद सुधरने को तैयार हैं और शहर को भी सुधार कर ही मानेंगे।
सिविल लाइंस स्थित मर्चेट चैंबर सभागार में शनिवार को मर्चेट्स चैंबर ऑफ उत्तर प्रदेश, उज्ज्वल भारत, कानपुर परिवर्तन फोरम, लायंस क्लब, डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा कार्यशाला आयोजित की गई। विषय था- हम भी सुधरेंगे, शहर को भी सुधारेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महापौर प्रमिला पांडेय, विशिष्ट अतिथि नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा उपस्थित रहे। जोड़-प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. एएस प्रसाद ने कूड़ा निस्तारण के सिस्टम को सुधारने की बात कही। बोले, कूड़ा बीमारियों की खान है। इससे गंदगी और बीमारियां फैलती हैं। शहर की सूरत बिगड़ती है। बीते दिनों आई वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की प्रदूषण संबंधी रिपोर्ट को लेकर कहा कि यह झकझोर कर रख देने वाली है। अगर काम हो रहा है तो शहर गंदा क्यों है। नगर आयुक्त की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा काम करके दिखा दीजिए कि आपका नाम शहरवासी विकीपीडिया पर देखें। वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. अवध दुबे ने कहा कि शहर में जितने भी जोन हैं, वहां सभी में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य रहते हैं। पूरे शहर के सभी चिकित्सकों की ओर से आश्वस्त करता हूं कि शहर सुधार को हम जनजागरण अभियान की शुरुआत के लिए तैयार हैं। जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ डॉ. जेएन गुप्ता ने शहर में लगने वाले जाम के कारण और उसका समाधान बताया। रोटरी क्लब ऑफ कानपुर के अध्यक्ष ललित खन्ना का कहना था कि शहर में विकास को लेकर प्रबंधन की कमी है। अतिथियों को आईना दिखाते हुए कहा कि शहर का विकास वाकई में करना है तो एक बेहतर मास्टर प्लान बनाना होगा। पूर्णचंद्र विद्या निकेतन के पूर्व प्रधानाचार्य भाष्कर गैंटि ने कहा यह एक ऐसा शहर है, जहां हमारे घरों के बच्चे रहना नहीं चाहते। वह कहते हैं कि इस शहर में क्या ऐसे अवसर विद्यमान हैं, जिनके लिए वे यहां रहें।
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सबकी मदद से बनाएंगे स्मार्ट सिटी
सभी की बातें सुनने के बाद महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए सभी की मदद लेंगे और काम करके दिखाएंगे। विशिष्ट अतिथि नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा ने कहा कूड़ा निस्तारण समय से हो, इसके लिए पुरजोर प्रयास करेंगे। कार्यशाला में मुख्य रूप से डॉ. मधु भार्गंव, बालकृष्ण लाहोटी, जेके लोहिया, श्याम अरोड़ा, अनूप कुमार द्विवेदी, गोपाल तुलस्यान, संजीव पाठक, भवानी भीख, डॉ. अंगद सिंह, प्रकाश खरवड़कर, गीता मिश्रा, आदि मौजूद रहे।
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प्रबुद्धजन के यह थे सुझाव
-अतिक्रमण को हटाना होगा
-प्लास्टिक का बहिष्कार करना होगा
-मकान का निर्माण करवाते समय पूरे एरिया को टिन से ढकना होगा
- अधिक से अधिक पौधे रोपने होंगे
- खुले में शौच को रोकना होगा
- जिला प्रशासन को कुछ प्रयास करने होंगे।