प्लाज्मा बचा रहा जिदगी, दोबारा कर सकते दान
प्लाज्मा डोनेशन अवेयरनेस कैंपेन पर आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने दी जानकारी बोले प्लाज्मा का दान थमथी सांसों को बचा रहा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना काल में प्लाज्मा का दान थमती सांसों को बचाने का काम कर रहा है। सैकड़ों लोग ठीक हो चुके हैं जबकि जिदगियां बचाने का सिलसिला जारी है। प्लाज्मा देने के 72 घंटे बाद रक्तदान कर सकते हैं जबकि 15 दिन बाद फिर से प्लाज्मा दान दे सकते हैं। यह जानकारी वाराणसी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बीएचयू के डॉ. संदीप कुमार ने दी। वह रविवार को राउंड टेबल इंडिया की ओर से प्लाज्मा डोनेशन अवेयरनेस कैंपेन पर आयोजित वेबिनार में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्लाज्मा देने से शरीर पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता है जबकि दूसरों की जान बचाई जा सकती है। 'ढूंढ़ डॉट कॉम' से प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन एक्सपर्ट डॉ. एसएस बेहरा ने बताया कि प्लाज्मा का दान और संग्रह पूरी तरह सुरक्षित है। इसको लेकर बेवजह कई तरह की अफवाहें फैली हैं। उनकी संस्था देशभर में लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए जागरूक कर रही है। वेबिनार में कई शहरों के डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमी और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल हुए। फोर्टिस हॉस्पिटल, नई दिल्ली के क्रिटिकल केयर हेड डॉ. गौरी शंकर शर्मा, डॉ. रंजना कुमार ने प्लाज्मा के संबंध में कई तरह की जानकारियां दी। मारवाड़ी युवा मंच के इशान तुलस्यान और वाराणसी राउंड टेबल के अध्यक्ष धवल प्रकाश ने प्लाज्मा दान से संबंधित सवाल किए। राउंड टेबल की लेडीज सर्किल एरिया अध्यक्ष मेघा सिहानिया, आइएमए बीएचयू के अध्यक्ष डॉ.आलोक भारद्वाज, माहेश्वरी क्लब के अध्यक्ष अनुराग राठी, रोटरी क्लब के डॉ. आशुतोष अग्रवाल, भारत विकास परिषद काशी के अमित अग्रवाल आदि शामिल हुए।
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10 सितंबर को फ्रीडम ड्राइव
बरेली राउंड टेबल के अध्यक्ष अभिषेक कपूर ने बताया कि 10 सितंबर को शाम चार बजे फ्रीडम ड्राइव का आयोजन किया जाएगा, इसमें राउंड टेबल इंडिया के सदस्य आरटीआइ के लोगों का स्टिकर लगाकर प्लाज्मा दान की अपील करेंगे।