'एक बगल में चांद होगा, एक बगल में रोटियां'
जागरण संवाददाता, कानपुर : एक बगल में चांद होगा, एक बगल में रोटियां, एक बगल में नींद होगी,
जागरण संवाददाता, कानपुर : एक बगल में चांद होगा, एक बगल में रोटियां, एक बगल में नींद होगी, एक बगल में लोरियां..की प्रस्तुति देकर गीतकार पीयूष मिश्रा ने टेककृति की संगीत संध्या में चार चांद लगा दिए। वहीं विश्व कल्याण रथ के एक से बढ़कर एक गुदगुदाते चुटकुलों ने श्रोताओं को देर रात तक हिलने नहीं दिया।
ओपन एयर थियेटर (ओएटी) में शुक्रवार देर शाम संगीत संध्या का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध संगीतकार, अभिनेता, गीतकार व गायक पीयूष मिश्रा के स्टेज पर आते ही तालियां बज उठीं। श्रोताओं ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। पीयूष मिश्रा ने भी गैंग ऑफ वासेपुर के गाने से शुरूआत की। इसके बाद जब शहर हमारा सोता है, ओ रात के मुसाफिर चलना जरा संभल कर..गीत सुनाया। संगीतकारों ने भी उनका पूरा साथ दिया। मेरा रंग दे बसंती चोला.. गाने की प्रस्तुति पर पूरा थियेटर झूम उठा। विश्व कल्याण रथ आइआइटी खड़गपुर के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने इंस्टीट्यूट के दिनों पर कामेडी पेश की।
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भारत इनोवेशन के क्षेत्र में दे रहा टक्कर
भारतवासियों में प्रबंधन क्षमता का अभाव है, जबकि इनोवेशन के क्षेत्र में वह पश्चिमी देशों की बराबरी करता है। यह बात आइआइटी के पूर्व प्रो. सुजाय के गुहा ने कही। वह छात्रों को व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गर्भनिरोधक का प्रचलन पश्चिम की देन है। आइआइटी ने गर्भनिरोधक उपकरणों में त्रुटि को खोजने का काम किया, जबकि हर किसी ने उसे छोड़ दिया था। प्रो. गुहा के मुताबिक इनोवेशन एवं उचित प्रबंधन से अंतिम उत्पाद का शानदार ढंग से उत्पादन किया जा सकता है। आइआइटी कानपुर के पूर्व छात्र एवं रिलायंस इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शैलेष निगम ने बताया कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले अधिक युवा वर्ग है। यह डिजिटल विश्व को संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं।