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Pintu Sengar Murder: बसपा नेता हत्याकांड में आरोपित पप्पू स्मार्ट ने बेच दिया था राजा ययाति का किला

Pintu Sengar Murder Case पुलिस रिकार्ड में बसपा नेता की हत्या में दोनों आरोपित हिस्ट्रीशीटर बदमाश हैं और सरकारी अभिलेखों में भूमाफिया घोषित हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 05:00 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 05:00 PM (IST)
Pintu Sengar Murder: बसपा नेता हत्याकांड में आरोपित पप्पू स्मार्ट ने बेच दिया था राजा ययाति का किला

कानपुर, जेएनएन। बसपा नेता नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सेंगर हत्याकांड में नामजद आरोपित पप्पू और सऊद की कुंडली खंगाली गई तो एक के बाद एक कई चाैंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस रिकार्ड बताता है कि दोनों न केवल हिस्ट्रीशीटर बदमाश हैं, बल्कि सरकारी अभिलेखों में इनका नाम भूमाफिया में दर्ज है। आम लोगों की जमीन तो दूर सरकारी जमीन भी बेच देने में यह संकोच नहीं करते। जब सुरेंद्र सिंह कानपुर नगर के डीएम थे तो पप्पू ने जाजमऊ स्थित राजा ययाति का किला भी अपना बताकर बेंच डाला था।

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डी-123 के नाम से पंजीकृत है गिरोह

जाजमऊ निवासी सऊद अख्तर और मोहम्मद आसिम उर्फ पप्पू स्मार्ट थाना चकेरी के हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं। पुलिस रिकार्ड में इनका एक संगठित अपराधी गिरोह है, जिसमें सात सदस्य हैं। अभिलेखों में यह गिरोह डी-123 के नाम से पंजीकृत है। इसके साथ ही दोनों के नाम चकेरी थाने की भूमाफिया सूची में भी दर्ज हैं। दोनों अपराधियों के विरुद्ध कानपुर के अतिरिक्त प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अनेक अभियोग पंजीकृत होने की जानकारी भी मिल रही है, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, अवैध वसूली, मारपीट, जान से मारने की धमकी, सरकारी जमीनों पर कब्जे, गुंडा एक्ट व गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे पंजीकृत हैं।

रिकार्ड के मुताबिक दोनों के खिलाफ विभिन्न थानों में 35:35 मुकदमे दर्ज हैं। पप्पू स्मार्ट का भाई तौसीफ उर्फ कक्कू और आमिर उर्फ बि'छू भी चकेरी थाने के हिस्ट्रीशीटर अपराधी हैं। दोनों का एचएस नंबर 1153 ए व 1152 ए है। इन दोनों के विरुद्ध भी दो दर्जन से अधिक गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। दोनों का नाम डी 123 गिरोह में भी शामिल है। दोनो भाईयों के खिलाफ भी पुलिस ने गैंगस्टर व गुंडा एक्ट में कार्रवाई की है।

डीएम ने दर्ज कराया मुकदमा

करीब तीन साल पहले पप्पू स्मार्ट ने महाभारत कालीन ऐतिहासिक राजा ययाति का किला कब्जा करके बेंच डाला था। पिंटू पक्ष के वकील की शिकायत पर जांच हुई तो मामला सामने आया। इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मुकदमा पंजीकृत करवाया था। इसी प्रकार सऊद ने भी केडीए की तमाम सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे किए हैं। पुलिस के मुताबिक दोनों अपराधी सरकारी जमीन कब्जा करने में बाधक लोगों के विरुद्ध झूठे मुकदमे भी लगवाते हैं और उससे भी यदि व्यक्ति नही मानता तब हत्या करने से भी पीछे नहीं हटते।

आसपास के जिलों में तलाश

पुलिस आसपास के जिले में आरोपितों की तलाश कर रही है। पुलिस सर्विलांस की मदद से आरोपितों की तलाश में जुटी है। हत्याकांड में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम लगातार उनके रिश्तेदारों और जान पहचान के लोगों के घर दबिश दे रही है। मंगलवार को हत्यारों व आरोपितों की तलाश में पुलिस टीमें उन्नाव, कानपुर देहात, महोबा, बांदा और हमीरपुर भेजी गई।

आइजी ने की समीक्षा, बोले जल्द खुलेगा केस

आइजी मोहित अग्रवाल ने मंगलवार को पिंटू सेंगर हत्याकांड में चल रही पुलिस कार्यवाही की समीक्षा की। आइजी ने बताया कि पुलिस हत्याकांड के पटाक्षेप के नजदीक है। उन्नाव के शुभममणि त्रिपाठी हत्याकांड से भी कडिय़ां जोड़ी जा रही हैं। समीक्षा के दौरान पिंटू सेंगर की विवादित कई संपत्तियों, पुरानी दुश्मनियों पर भी चर्चा की गई।


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