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कन्नौज में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत, चौकी प्रभारी समेत पांच पर मुकदमा

पुलिस कर्मी रविवार शाम युवक को मरणासन्न हालत में घर के बाहर फेंक गए थे।

By AbhishekEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 11:28 AM (IST)
कन्नौज में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत, चौकी प्रभारी समेत पांच पर मुकदमा
कन्नौज में पुलिस की पिटाई से युवक की मौत, चौकी प्रभारी समेत पांच पर मुकदमा

कन्नौज, जेएनएन। पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है, चौकी में हिरासत में युवक को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस कर्मी उसे घर के बाद दरवाजे पर फेंक कर चले गए। परिजनों ने हंगामा किया तो उच्चाधिकारियों ने सोमवार देर रात चौकी प्रभारी व दो सिपाहियों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। उच्चाधिकारियों ने घटना की जाचं शुरू कर दी है।

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ठठिया थाना क्षेत्र के औसेर चौकी क्षेत्र के गांव बथुईया निवासी तीन भाइयों में बंटवारे का लेकर पिछले तीन दिनों से विवाद चल रहा था। रविवार दोपहर रवींद्र और देवेंद्र में झगड़ा हो गया। सुबह करीब दस बजे गांव आई चौकी पुलिस दोनों भाइयों को पकड़ कर ले गई। कुछ देर बाद रवींद्र को छुड़ाने पत्नी रामबेटी चौकी पहुंच गई। आरोप है कि कुछ देर बाद पुलिस ने देवेंद्र को छोड़ दिया लेकिन रामबेटी ने पति को छोडऩे को कहा तो मारपीट कर भगा दिया। पुलिस रवींद्र की बेरहमी से पिटाई करती रही, जिससे वो मरणासन्न हो गया। शाम पांच बजे दो सिपाही एक व्यक्ति के साथ बाइक से उसे करीब पांच बजे घर के बाहर दरवाजे पर छोड़ कर भाग आए।

गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा किया

घर के बाहर परिजनों देखा तो रवींद्र की मौत हो चुकी थी। रामबेटी ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया तो पुलिस ने कहा कि रवींद्र बीमार था, जिससे उसकी मौत हुई है। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार न करने की बात कह हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी पर एडीशनल एसपी विनोद कुमार, सीओ श्रीकांत प्रजापति, थानाध्यक्ष शैलेंद्र मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को शांत कराने के बाद उच्चाधिकारियों ने देर रात करीब 12 बजे चौकी प्रभारी सुरेंद्र सिंह, सिपाही सचिन और प्रवीन तथा बाबा योगेंद्र व किशोर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

पीठ के निशान बयां कर रहे बर्बरता की कहानी

पुलिस ने रवींद्र को कितनी बेरहमी और बर्बरता से पीटा, इसकी गवाही पीठ पर पड़े लाठियों के निशान बयां कर रहे थे। पिटाई से उसकी पीठ काली पड़ गई थी और शरीर पर गहरे जख्म थे। रामबेटी का कहना है कि जब वो पति को छुड़ाने चौकी पहुंची तो पुलिस कर्मी पति को पीट रहे थे। विरोध किया तो उसे भी मारपीट कर भगा दिया। पति बीमार नहीं थे, वो गरीब है पैसे नहीं दे सकी तो पति को पीटकर मार डाला। दूसरे पक्ष ने पैसे दे दिए तो उसे छोड़ दिया गया।

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