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टैक्स ऑडिट से बचने को घोषित करें न्यूनतम आय

कारोबारियों को कम से कम आठ फीसद आय घोषित करनी है, वर्ष में दो करोड़ रुपये से अधिक की नहीं होनी चाहिए बिक्री

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 02:57 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 02:57 PM (IST)
टैक्स ऑडिट से बचने को घोषित करें न्यूनतम आय
टैक्स ऑडिट से बचने को घोषित करें न्यूनतम आय

जागरण संवाददाता, कानपुर : आयकर रिटर्न दाखिल करने का समय करीब आ रहा है। टैक्स ऑडिट से बचने के लिए कारोबारी, उद्यमी, ट्रांसपोर्टर और प्रोफेशनल न्यूनतम आय घोषित कर सकते हैं। ऐसा कर वे बहीखातों को रखने के झंझट से भी बच सकते हैं।

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आयकर विभाग की न्यूनतम अनुमानित आय घोषित करने की योजना के तहत कारोबारियों, उद्यमियों, ट्रांसपोर्टरों को न्यूनतम अनुमानित आय घोषित करनी होती है। इसमें सभी की आय तय है। वे इससे ज्यादा भी आय घोषित कर सकते हैं लेकिन अगर न्यूनतम अनुमानित आय से कम आय घोषित करते हैं तो वे टैक्स आडिट के दायरे में आ जाएंगे। ऐसे में उन्हें सीए से अनिवार्य रूप से आडिट करना होगा और उन्हें 31 जुलाई की जगह 30 सितंबर तक रिटर्न दाखिल करना होगा।

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कारोबारियों और उद्यमियों के लिए

- आयकर की धारा 44 एडी के तहत कारोबारियों और उद्यमियों के लिए शर्त है कि पूरे वर्ष में उनकी बिक्री दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगी। इसमें उन्हें आठ फीसद या उससे अधिक आय की घोषणा करनी होगी। जितनी भी बिक्री की गई होगी, यह आय उसके मुताबिक होगी।

- आयकर की धारा 44 एई के तहत अधिकतम 10 गाड़ियों वाले ट्रांसपोर्टर को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इसमें न्यूनतम अनुमानित आय 7,500 रुपये प्रति वाहन प्रति माह के हिसाब से गिनी जाएगी।

- प्रोफेशनल की श्रेणी में वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी शामिल किए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए उनकी अधिकतम 50 लाख रुपये की वार्षिक प्राप्तियां होनी चाहिए। इसमें न्यूनतम आय को सकल प्राप्ति का 50 फीसद माना जाएगा।

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कम आय दिखाने से यह होगा असर

न्यूनतम आय से भी कम आय दिखाने पर इन सभी को टैक्स आडिट कराना होगा। इसके साथ ही उन्हें अपने निर्धारित सभी बहीखाते रखने होंगे। न्यूनतम आय घोषित करने वालों को बहीखातों को रखने से छूट मिल जाएगी। इसके साथ ही न्यूनतम आय घोषित करने वालों को 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल करने हैं। टैक्स ऑडिट के दायरे में आने पर 30 सितंबर तक रिटर्न दाखिल करने होंगे।

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कारोबारी न्यूनतम कारोबारी आय से अधिक आय भी घोषित कर सकता है। इस कारोबारी लाभ में सभी कारोबारी खर्च, हृास की छूट को भी प्रदान मान लिया जाएगा। कारोबारियों को नियमानुसार बहीखाते व अभिलेख रखने से छूट मिल जाएगी।

- शिवम ओमर, चार्टर्ड अकाउंटेंट।


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