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ठोकरें खा रही जनता, लग्जरी कार में 'सरकार'

शहर के लोग सड़कों पर ठोकरें खा रहे हैं। पूरे शहर की सड़कें बेतरह उखड़ी हैं। हादसे हो रहे हैं लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 01:48 AM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 06:27 AM (IST)
ठोकरें खा रही जनता, लग्जरी कार में 'सरकार'
ठोकरें खा रही जनता, लग्जरी कार में 'सरकार'

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर के लोग सड़कों पर ठोकरें खा रहे हैं। पूरे शहर की सड़कें बेतरह उखड़ी हैं। हादसे हो रहे हैं, लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। चीख-चिल्ला रहे हैं, लेकिन अफसर उनकी क्यों सुनें भला? इसलिए उन्होंने सड़कों की मरम्मत नहीं करवाई। वे तो उनकी सुनते हैं, जिन्हें शहर के इन्हीं लाखों लोगों ने सत्ता की चाबी सौंपी है, माननीय का दर्जा दे दिया। शहर में सांसद, विधायक, मंत्रियों की बात करें तो शहर में इनकी संख्या 15 से ज्यादा है। लग्जरी एयरकंडीशन कार सत्ता के गलियारों में व्यस्त हैं। 'अपनों' के गलत काम रुकें तो ये दीवार बनकर खड़े हो जाते हैं। अफसरों की शामत आ जाती है। मगर सड़कों के गड्ढे इन्हें महसूस नहीं होते। बंद गाड़ियों से कचरे के पहाड़, गंदगी, प्रदूषण, पेयजल, फुटपाथ और टूटी सड़कों से जूझती जनता का दर्द इन्हें सुनाई नहीं देता। डेंगू से मरने वाले 64 लोगों के परिवारों की चीखें इनके कानों तक नहीं पहुंचती। हालात बेहद चिंताजनक है। इन मुद्दों पर सांसद सत्यदेव पचौरी नगर निगम के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हैं तो महापौर कहती हैं कि वे समस्याओं से भागेंगी नहीं। सवाल उठने पर चिंता सभी जताते हैं, मगर हालात ज्यों की त्यों हैं तो इस कोरी चिंता का ये शहर भला क्या करे -

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सड़क और सफाई मेरी प्राथमिकता में है। इसलिए मैंने नए नगर आयुक्त के ज्वाइन करते ही उन्हें यह व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देशित किया है। सड़कों की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। नगर निगम व अन्य विभाग जल्द ही शहर की सड़कों को दुरुस्त कर लेंगे।

सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री सड़क से लेकर शहर की अन्य समस्याओं के लिए विभाग और अधिकारी जिम्मेदार हैं। हम कह सकते हैं, सरकार हमारी है। धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते, ये मजबूरी है। 'आय एम नॉट द रिस्पांसिबल पार्टी।' ये सवाल नगर निगम से पूछा जाना चाहिए। नगर निगम कुप्रबंधन का शिकार है। पहले ऐसा नहीं था।

सत्यदेव पचौरी, सांसद, कानपुर सांसद जनप्रतिनिधि हैं, वे क्या कहते हैं, मैं इस विषय पर कुछ नहीं कहूंगी। लेकिन मैं खुद लगी हूं। डेंगू से लेकर शहर में सफाई तक हर काम मैं खुद जाकर देख रही हूं। जनता ने मुझे चुना है और मैं अपनी जिम्मेदारी से भागने वाली महिला नहीं हूं। इस माह के अंत तक लगभग सारी सड़कें गड्ढामुक्त हो जाएंगी।

प्रमिला पांडेय, महापौर इस बार बरसात ज्यादा होने के कारण सड़कें ज्यादा खराब हुई और उनकी मरम्मत का समय कम मिला। यह चिंताजनक विषय है, मैंने सड़कें चिह्नित करके नगर निगम को दे दिया है। 15 नवंबर तक का वक्त है। उम्मीद है कि तब सड़कें दुरुस्त हो जाएंगी। अन्य समस्याओं का समाधान भी हम मिलकर कराएंगे।

नीलिमा कटियार, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री सड़कों की खराब स्थिति पर सरकार की भी नजर है। मरम्मत का काम शुरू हो गया है। हम लोग भी लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। जहां सड़कें खराब पाई जा रही हैं, उसकी सूचना पहुंचा रहे हैं। जल्द ही शहर की सभी सड़कों की मरम्मत हो जाएगी। 15 नवंबर तक ये काम हो जाना है।

देवेंद्र सिंह भोले, अकबरपुर सांसद शहर की सड़कों की स्थिति चिंताजनक है और हमें इसकी पूरी चिंता है। मैंने उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और नगर आयुक्त से भी बात की है। लोनिवि और नगर निगम मिलकर शहर की सारी सड़कों की मरम्मत करवा रहे हैं। पहले प्रमुख सड़कें बनेंगी फिर मोहल्लों की सड़कों की मरम्मत भी कराई जाएगी।

सुरेंद्र मैथानी, विधायक, गोविंदनगर


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