आयकर में कर निर्धारण की तरह अब पेनाल्टी की व्यवस्था को भी किया गया फेसलेस
चार्टर्ड अकाउंटेंट दीप कुमार मिश्रा के मुताबिक कोई भी पेनाल्टी लगाने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होता है। सीधे पेनाल्टी नहीं लगाई जा सकती। अब यह कारण बताओ नोटिस भी कारोबारी को ई मेल पर मिलेगा। इसका जवाब भी ई मेल से देना होगा।
कानपुर, जेएनएन। आयकर विभाग ने कर निर्धारण की तरह अब पेनाल्टी को भी फेसलेस कर दिया है। इसके चलते अब आयकर विभाग अपनी जो भी पेनाल्टी जारी करेगा उसकी पूरी प्रक्रिया फेसलेस होगी।
आयकर विभाग ने 2020 में कर निर्धारण को फेसलेस किया था। इसके बाद कारोबारियों को यह पता नहीं चल पाता है कि कौन अधिकारी उनका कर निर्धारण कर रहा है। पहले कारोबारियों की शिकायतें होती थीं कि उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसके चलते ही फेसलेस की व्यवस्था को लाया गया था। अगस्त 2020 में शुरू हुई फेसलेस व्यवस्था के कारण ही अब पेनाल्टी को भी फेसलेस कर दिया है।
दस हजार की पेनाल्टी का है नियम
आयकर विभाग में बहुत से नियमों को ना मानने पर पेनाल्टी लगाने के नियम हैं। अगर विभाग ने कोई नोटिस जारी किया है तो उसका जवाब देना या उसके हिसाब से कार्य करना ही होगा। ऐसा ना करने पर एक बार 10 हजार रुपये की पेनाल्टी लगाने के निर्देश हैं। इसके साथ ही टैक्स आडिट समय से फाइल ना करने पर पेनाल्टी लगाई जाती है। ये सभी अब फेसलेस तरीके से होंगी और कारोबारी को पता नहीं चलेगा कि कौन अधिकारी कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है और पेनाल्टी लगा रहा है।
इनका ये है कहना
चार्टर्ड अकाउंटेंट दीप कुमार मिश्रा के मुताबिक कोई भी पेनाल्टी लगाने से पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होता है। सीधे पेनाल्टी नहीं लगाई जा सकती। अब यह कारण बताओ नोटिस भी कारोबारी को ई मेल पर मिलेगा। इसका जवाब भी ई मेल से देना होगा। पहले कारोबारी अधिकारी के सामने जाकर अपने कागज पेश कर सकता था लेकिन अब यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है। कौन अधिकारी कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है। इसकी जानकारी ही नहीं होगी। कारोबारी जो ऑनलाइन जवाब देगा। उस पर अधिकारी अपना निर्णय लेगा और उसके बाद पेनाल्टी लगाएगा। पेनाल्टी की यह सूचना भी ऑनलाइन जाएगी और उसे जमा भी ऑनलाइन करना होगा।