मरीजों को हफ्ते में चार दिन हाई प्रोटीन डाइट
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर (हैलट) एवं अन्य संबद्ध अस्पतालों में मरीज व उसके एक तीमारदार को भोजन मिल रहा है।
जागरण संवाददाता, कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर (हैलट) एवं अन्य संबद्ध अस्पतालों में मरीज व उसके एक तीमारदार को भोजन मिल रहा है। अगले माह से उन्हें हफ्ते में चार दिन हाई प्रोटीन डाइट दी जाएगी। इसमें राजमा और सोयाबीन होगा। इसके अलावा नाश्ते में मरीजों को दूध के साथ मक्खन-ब्रेड भी मिलेगा। इस नई व्यवस्था को नए वित्तीय वर्ष 2019-2020 से लागू किया जाएगा। इस व्यवस्था से पहले ही बजट कम होने के चलते परेशान अस्पताल प्रशासन के लिए मुसीबत और बढ़ गई है। इसके लिए शासन से आठ करोड़ का बजट मांगा गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक माह से सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों तथा चिकित्सीय संस्थानों में मरीज के साथ एक तीमारदार को निश्शुल्क भोजन दिया जा रहा है। पहले सिर्फ मरीजों को ही भोजन मिलता था। इसके तहत जीएसवीएम के एलएलआर एवं संबद्ध अस्पतालों में बजट कम होने से किसी तरह काम चल रहा है। उधर, शासन स्तर से मरीजों एवं तीमारदारों को खाने योग्य भोजन देने के आदेश दिए गए हैं। शासन स्तर से लगातार इसकी समीक्षा भी हो रही है।
पहले मरीजों संख्या थी बहुत कम
जीएसवीएम मेडिकल कालेज से संबंध एलएलआर अस्पताल के अलावा बाल रोग चिकित्सालय, अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज, जच्चा-बच्चा अस्पताल, मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल एवं संक्रामक रोग अस्पताल हैं। इन पांच अस्पतालों कुल बेड की संख्या 1650 हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले यहां औसतन प्रतिदिन महज 350 मरीजों को पहले भोजन देना पड़ता था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अस्पताल में मरीजों व उनके तीमारदारों की संख्या 650 तक पहुंच गई है। इसमें 450 मरीज हैं, जबकि 200 तीमारदार हैं।
अभी ऐसा मिलता है भोजन
अभी सप्ताह में एक से दो दिन ही हाई प्रोटीन डाइट ही दी जाती है। शेष दिन हरी सब्जी, अरहर या मूंग की दाल दी जाती है। इसकी मुख्य वजह भोजन का बजट काफी कम होना है।
अब ऐसा होगा नाश्ता व भोजन
नई व्यवस्था में खाने की थाली में पूरा बदलाव हो जाएगा। सप्ताह में चार दिन हाई प्रोटीन डाइट मरीजों को दी जाएगी। इसमें दो दिन राजमा और दो दिन सोयाबीन की सब्जी होगी। दो दिन हरी सब्जी और दाल दी जाएगी। सुबह के नाश्ते में आधा लीटर दूध का पैकेट और मक्खन-ब्रेड, जबकि शाम को चाय-बिस्किट दिया जाएगा।
बजट नहीं मिलने से दिक्कत
31 मार्च तक मरीजों व उनके एक तीमारदार को भोजन देने के लिए 55 लाख रुपये शासन से मांगे गए हैं। अभी तक बजट नहीं मिला है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन के लिए मेस चलाने में दिक्कत आ रही है। उधारी भी बढ़ने लगी है। तीमारदार को भोजन देने के आदेश के चलते खाद्यान्न की मात्रा बढ़ने के साथ ही कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाने पड़ी है। पहले साथ कर्मचारी के जगह अब 15 लोग काम कर रहे हैं। इससे पहले खर्च दोगुना हो गया है। -------
नये वित्तीय वर्ष से मरीजों व उनके एक तीमारदार को पौष्टिक नाश्ता एवं भोजन दिया जाएगा। मेन्यू के हिसाब से आठ करोड़ रुपये शासन से मांगे गए हैं। मरीजों व तीमारदारों की संख्या बढ़ने से मेस में पहले 7 कर्मचारी काम करते थे। उनकी संख्या बढ़ाकर 15 कर दी गई है। इससे खर्च बढ़ गया है।
- प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर अस्पताल।