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माता-पिता की कोरोना से मौत, बेटे से अस्पताल कर्मियों ने की मारपीट

कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से पहले पिता की मौत हुई और बाद में माता की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 02:17 AM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 02:17 AM (IST)
माता-पिता की कोरोना से मौत, बेटे  से अस्पताल कर्मियों ने की मारपीट
माता-पिता की कोरोना से मौत, बेटे से अस्पताल कर्मियों ने की मारपीट

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से पहले पिता की मौत हुई और फिर मां ने भी दम तोड़ दिया। आरोप है कि जब बेटे ने शव को श्मशान घाट ले जाने को कहा तो हैलट स्टाफ ने पांच हजार रुपये मांगे और शव देने से मना कर दिया। विरोध पर मारपीट की। बाद में पुलिस ने शव को श्मशान घाट भिजवाने का इंतजाम कराया।

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शास्त्रीनगर सिधी कॉलोनी निवासी फुटवियर कारोबारी तरुण चावला ने बताया कि मां कांता और पिता दयाल दास की तबीयत बिगड़ने पर कोविड जांच कराई थी। 11 अप्रैल को रिपोर्ट में दोनों कोरोना संक्रमित निकले। शनिवार सुबह दोनों को हैलट में भर्ती कराया था। आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ ने इलाज नहीं किया। कोई डाक्टर देखने नहीं आया, जिससे शनिवार रात पिता की मौत हो गई। अंतिम संस्कार के बाद रविवार शाम को मां को देखने पहुंचे तो उनके इलाज में भी लापरवाही बरती जा रही थी। काफी अनुरोध करने के बाद उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया। सोमवार सुबह बताया गया कि मां का निधन हो गया है। दस्तावेज बनाने के पांच हजार रुपये ले लिए और शव घाट पर पहुंचाने के लिए पांच हजार रुपये और मांगे गए। विरोध पर स्टाफ ने तरुण और उनके ताऊ से मारपीट भी की। स्वरूपनगर थाना प्रभारी अश्विनी पांडेय ने बताया कि युवक ने अस्पताल की ओर से उनकी मां का शव सिपुर्द न किए जाने की जानकारी दी थी। शव को कोविड प्रोटोकॉल के तहत सरकारी वाहन से श्मशान घाट भिजवाया गया। परिवार ने कोई तहरीर नहीं दी है। पैसे मांगे जाने की बात जांच में सामने नहीं आई। अस्पतालों की दौड़ लगाते-लगाते टूट गई सांसें

जागरण संवाददाता, कानपुर : कोरोना संक्रमित सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में उपचार के लिए भटकता रहा, लेकिन उसे बेड नहीं मिला। उसकी हैलट में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। स्वजन ने प्रशासन को मौत को जिम्मेदार बताया है।

सनिगवां निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति ने चार दिन पहले प्राइवेट लैब से कोरोना की जांच कराई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वजन ने उन्हें सिविल लाइन्स स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार को हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने उन्हें हैलट रेफर कर दिया, जहां बेड न होने पर डॉक्टरों ने रामा अस्पताल ले जाने के लिए बोला। आरोप है कि वहां पर कर्मचारियों ने मरीज को भर्ती नहीं किया और अभद्रता की। स्वजन मरीज को वापस हैलट लाए, जहां डॉक्टरों ने न्यूरो कोविड विभाग में भर्ती कराने को कहा, लेकिन वहां भी बेड नहीं मिला। इस दौरान बेड के लिए चक्कर काटते-काटते उनकी मौत हो गई।


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