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शहर में दहशत का पर्याय था रईस बनारसी

पुलिस के टारगेट पर था शार्प शूटर, चंद रोज पहले पिटवाई थी डुगडुगी, एसएसपी ऑफिस के पास, दिनदहाड़े शानू ओलंगा की हत्या कर चर्चा में आया था, अगस्त 2015 में हिरासत से फरार हुआ था।

By Edited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 01:25 AM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 10:31 AM (IST)
शहर में दहशत का पर्याय था रईस बनारसी
शहर में दहशत का पर्याय था रईस बनारसी
जागरण संवाददाता, कानपुर : यूपी का मोस्टवांटेड पचास हजार का इनामी शार्प शूटर रईस बनारसी कानपुर, बनारस समेत कई जिलों में दहशत का पर्याय बना था। गैंगवार में उसकी हत्या की खबर आते ही पुलिस महकमे ने चैन की सांस ली वहीं उसके प्रतिद्वंद्वियों ने खुशी मनाई। रईस शहर में मिश्रित आबादी वाले क्षेत्र की हर बड़ी जमीन की खरीद-फरोख्त से लेकर बड़े कारखानों से रंगदारी वसूल रहा था। हीरामन का पुरवा निवासी रईस शहर में अपराध की दुनिया में आते ही बड़े लोगों से दुश्मनी होने के चलते मौसी के घर बनारस चला गया। जहां अपराध जगत में कुख्यात होने पर नाम के आगे बनारसी जोड़ लिया। इसी बीच डी-2 गैंग के शार्प शूटर शानू ओलंगा ने अपने साथी के साथ मिलकर रईस के भाई नौशाद की हत्या कर दी तो रईस ने बदला लेने के लिए 30 नवंबर 2011 की दोपहर एसएसपी दफ्तर के पास गोलियां बरसाकर शानू की हत्या कर दी। शानू के पिता ने रईस के साथ ही 50 हजार के इनामी मोनू पहाड़ी, सोनू और शरीफ ढपाली के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा लिखाया था। इस बीच रईस ने बाबूपुरवा में अपनी प्रेमिका नेहा की भी गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस के दबाव को देखते हुए बनारस में रईस बनारसी ने एक पुराने मामले में गिरफ्तारी दे दी। 23 अगस्त 2015 को बनारस से बरेली जेल शिफ्ट करते समय शाहजहांपुर में पुलिस हिरासत से हथकड़ी समेत भाग निकला था। तबसे कई जिलों की पुलिस, एसटीएफ और एटीएस उसकी तलाश करती रही वहीं रईस रंगदारी वसूलता रहा। इस दौरान बाबूपुरवा में दारोगा से मुठभेड़ होने के बाद तत्कालीन एसएसपी शलभ माथुर के दबिश देने पर फाय¨रग करते हुए भाग निकला था। इसके बाद पुलिस ने उसके घर पर बुलडोजर चलवा दिया था। पिछले साल जनवरी में रईस ने फिर शहर में गतिविधियां बढ़ाईं तो पुलिस ने तलाश शुरू की। तत्कालीन एसपी पूर्वी अनुराग आर्य ने सटीक मुखबिरी पर रईस के घर दबिश भी दी लेकिन वह बच निकला था। तबसे लगातार रईस और पुलिस के बीच लुकाछिपी का खेल चल रहा था। पिछले दिनों एसएसपी अनंत देव ने उसके घर पर मुनादी कराकर अल्टीमेटम भी दिया था। उसके दो दर्जन हिमायतियों से पूछताछ की गई लेकिन हाथ नहीं आया। ----------------- ऐलान करके किया था कत्ल रईस ने शानू ओलंगा का कत्ल ऐलान करके किया था। वारदात के बाद पुलिस ने जब हीरामन का पुरवा और आसपास इलाकों में पूछताछ की तो पता लगा कि रईस ने कहा था, 'वो पुलिस का मुखबिर बनकर सोचता है कि मुझसे बच जाएगा। उसे पुलिस-प्रशासन के बीच में मारूंगा। देखता हूं कि कौन बचाता है।' शानू की हत्या के बाद पुलिस ने रईस बनारसी के दो भाइयों को उठाया। एक को एनडीपीएस में जेल भेजा गया, दूसरे को छोड़ दिया। -- प्रदेश के हर जिले में रईस के गुर्गे रईस का संपर्क प्रदेश के हर जिले में था। वहां कई नामी अपराधियों के लिए वह काम कर चुका था। इन दिनों जमीनों पर कब्जा कराने और प्रॉपर्टी के मामलों में दखलंदाजी बढ़ गई थी। शहर में भी उसने कई लोगों को धमकी दी थी वहीं कई छोटे अपराधी भी उसके लिए काम करते थे। पुलिस इस नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश में जुटी है। उसकी फरारी में भी गिरोह के बदमाशों ने मदद की थी। -- रईस को मिली थी फुरकान की सुपारी दिसंबर 2015 में भन्नानापुरवा में हुई फुरकान की हत्या के लिए रईस को पांच लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। इसके बाद रईस के गुर्गो ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्या की इस साजिश में कई बड़े आपराधिक नाम भी शामिल थे। यह खुलासा आरोपित शाहिद पिच्चा, शानू लफ्फाज और सनी ने जेल जाने के दौरान किया था। -- दारोगा पर भी किया था हमला दो साल पहले रईस ने बाबूपुरवा में दारोगा भोला प्रसाद रस्तोगी पर भी हमला कर दिया था और बबलू बंदर नाम के एक युवक की बाइक पर बैठकर भागा था। कई दिन तक रईस उसी के घर पर शरण लिए रहा लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। चूंकि रईस को ज्यादा लोग नहीं पहचानते थे, इसलिए वह सामान्य आदमी की तरह रिश्तेदार बनकर अपने दोस्तों के घर रुकता था। मछरिया में फाय¨रग के मामले में इजराइल आटा वाले का नाम आया तो रईस ने ठिकाना बदल दिया। -------------- एक विस प्रत्याशी की ली थी सुपारी, 9 लाख लेकर छोड़ा रईस ने शहर के एक विधानसभा प्रत्याशी की प्रतिद्वंद्वी से सुपारी ली थी। हालांकि बाद में समझौता होने पर सुपारी कटने पर प्रत्याशी के घर में घुसकर मारपीट की। इसके बाद सुपारी की 9 लाख की रकम उससे वसूल ली। तीन हत्याओं समेत 12 मुकदमे रईस पर हत्या के तीन मुकदमे समेत कुल 12 मुकदमे दर्ज हैं। इसमें से 10 मुकदमे वर्ष 2011 में ही दर्ज हुए थे। जूही में प्रेमिका नेहा की हत्या, एसएसपी ऑफिस के सामने शानू ओलंगा की हत्या के साथ ही बनारस के भेलपुरवा में भी उसने हत्या की थी। इसके अलावा पुलिस से मुठभेड़ और कातिलाना हमले के चार मामले दर्ज हुए। लूट, आ‌र्म्स एक्ट, गैंगस्टर और विस्फोटक अधिनियम के तहत भी उस पर मुकदमे हैं। पिछले साल जून में आइजी आलोक सिंह ने रईस पर इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार की थी।

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