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प्रदूषण के कारण दिमाग में कम पहुंच रही ऑक्सीजन, इसी वजह से सिर दर्द की बढ़ी समस्या Kanpur News

एलएलआर उर्सला समेत कई अस्पतालों में आ रहे केस सांस की नली व गले में भी हो रहा संक्रमण।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 09:58 AM (IST)
प्रदूषण के कारण दिमाग में कम पहुंच रही ऑक्सीजन, इसी वजह से सिर दर्द की बढ़ी समस्या Kanpur News
प्रदूषण के कारण दिमाग में कम पहुंच रही ऑक्सीजन, इसी वजह से सिर दर्द की बढ़ी समस्या Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। दो दिन हुई हल्की बारिश ने वायुमंडल में फैली हानिकारक गैसों को धो डाला है। वायु प्रदूषण का स्तर भी कम हो गया है लेकिन रोगियों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। एलएलआर (हैलट), उर्सला समेत अन्य अस्पतालों में सांस, गले में संक्रमण, खांसी, नाक में दर्द की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सबसे अधिक दिक्कत सिरदर्द को लेकर है। दूषित गैसों के चलते शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच रही है। सिर में खून के साथ पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने पर दर्द शुरू हो जाता है। मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल के एसोसिएट प्रो.अवधेश कुमार के मुताबिक धूल, धुएं के कारण सांस की नली व गले में संक्रमण हो रहा है। आइसीयू में रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है।

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बच्चों को कराना पड़ रहा नेबुलाइजर

वायु प्रदूषण की समस्या पर बच्चों को दवाओं के सथ नेबुलाइजर कराना पड़ रहा है। कई बच्चों में अधिक समस्या होने पर इनफ्युजन पंप की आवश्यकता हो रही है।

प्रदूषित गैसों की अधिकतम मात्रा खतरनाक

पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू), सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू) की अधिकतम मात्रा खतरनाक स्तर पर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शनिवार को जारी रिपोर्ट में गैसों की अधिकतम मात्रा काफी आई है।

गैसें            अधिकतम मात्रा

पीएम 2.5       328

एनओटू          114

एसओटू           21

शहरों की सूची में 15 वां स्थान

देश के दूषित शहरों की सूची में कानपुर का 15 स्थान हो गया है। सबसे ऊपर पश्चिम बंगाल का हावड़ा शहर है, जिसका एक्यूआइ 312 है। दूसरे नंबर पर कोलकाता (एक्यूआइ 262), तीसरे में जोरापोखर (एक्यूआइ 230) है। 


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