UPSIT को Oxygen लगवाने की जिम्मेदारी, निगम प्रबंधन ने मांगे टेंडर, कई कंपनियों ने साधा संपर्क
निजी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांटों की डिमांड बढ़ी है। यहां बड़ी संख्या में कोविड के मरीज भर्ती हैंजिनमें से ज्यादातर को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। अस्पताल व मेडिकल कॉलेज निगम के माध्यम से प्लांट स्थापित करवा सकते हैं।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों एवं मेडिकल कालेजों में कम समय व कम रेट पर गुणवत्तापूर्ण आक्सीजन प्लांट लगाने की जिम्मेदारी शासन ने उप्र लघु उद्योग निगम (यूपीएसआइसी) को सौंपी है। निगम प्रबंधन ने कंपनियों से टेंडर मांगे हैं। जिस कंपनी का सबसे कम रेट होगा उसी से आक्सीजन प्लांटों की स्थापना कराई जाएगी।
निजी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांटों की डिमांड बढ़ी है। यहां बड़ी संख्या में कोविड के मरीज भर्ती हैं,जिनमें से ज्यादातर को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। अस्पताल व मेडिकल कॉलेज निगम के माध्यम से प्लांट स्थापित करवा सकते हैं। अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल के आदेशानुसार निगम ने अल्पकालीन निविदा मांगी है, जो सोमवार को खुलेगी।
एक दर्जन कंपनियों ने प्रबंधन से संपर्क साधा है। देखना है कि इनमें से टेंडर प्रक्रिया में कितनी कंपनियां भाग लेती हैं। जो कंपनी सबसे कम दर पर अच्छी गुणवत्ता के साथ कम समय में प्लांट लगाएगी उसी का चयन किया जाएगा। निगम प्रबंधक विधायकों के माध्यम से विधायक निधि से ऑक्सीजन प्लांट लगवाने का कार्य भी करेगा। सरकार ने इसकी छूट दे दी है। ऐसे में अब बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए जा सकेंगे।
1.79 करोड़ से कांशीराम अस्पताल में प्लांट : कांशीराम अस्पताल में 1250 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना होनी है। इसके लिए निगम ने एस्टीमेट बनाकर दिया है। यहां कुल 1.79 करोड़ रुपये से प्लांट स्थापित होगा। प्लांट रखने के लिए शेड बनेगा और ऑक्सीजन पाइपों में कनेक्शन दिया जाएगा। एस्टीमेट के परीक्षण के लिए डीएम ने कमेटी बनाई है। इसमें आइआइटी के एक प्रोफेसर, सीएमओ, अस्पताल के सीएमएस, कोषाधिकारी शामिल हैं।